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    हाउसिंग बोर्ड ने तैयार किया प्रस्ताव… 255 करोड़ में बनेगी ग्वालियर में नई सेंट्रल जेल

  • January 15, 2022

    • जेल के लिए महाराजपुरा डांग में 45.39 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई
    • 10 ब्लाक में बंटेगी नई जेल, पांच हजार कैदियों के रहने की होगी क्षमता

    भोपाल। ग्वालियर में अब नई सेंट्रल जेल के निर्माण की तैयारी शुरू की जा रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने जिला योजना समिति के अनुमोदन पर 255.67 करोड़ रुपये की लागत की प्रतिवेदन रिपोर्ट बनाकर जिला स्तरीय साधिकार समिति को भेजी है। यह प्रोजेक्ट पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत तैयार होगा। इसमें वर्तमान सेंट्रल जेल की 19.826 हेक्टेयर जमीन पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा टेंडर के आधार पर निर्धारित की जाने वाली फर्म आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट तैयार करेगी। उसे बेचकर मिलने वाली रकम से नई जेल का निर्माण होगा। नई जेल के लिए महाराजपुरा डांग में 45.39 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। इसमें पांच हजार कैदियों के रहने की क्षमता होगी, जबकि वर्तमान जेल की क्षमता दो से ढाई हजार कैदियों की है। नई जेल में तीन हजार कैदी क्षमता के विस्तारीकरण का प्रविधान भी रखा गया है।



    हाउसिंग बोर्ड द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट के मुताबिक नई जेल की बिल्डिंग 119 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। इसमें 500-500 कैदियों के लिए 10 अलग-अलग दो मंजिला ब्लाक तैयार किए जाएंगे। इसमें दो ब्लॉक महिला कैदियों के लिए रहेंगे। इन बिल्डिंग्स में लिफ्ट नहीं होगी। इसके अलावा सात तरह के ट्रेनिंग सेंटर (कारखाने), 300 लोगों की क्षमता का कान्फ्रेंस हॉल, 500 सीटर ऑडिटोरियम, दो किचन और पेंट्री, लाइब्रेरी, 100 बिस्तर का अस्पताल व डिस्पेंसरी, 500 बंदूकों की क्षमता का फायरिंग स्टोर, दो बड़े गोदाम, दो प्ले ग्राउंड, एक परेड ग्राउंड, दो डी टाइप क्वार्टर, चार ई टाइप क्वार्टर, छह एफ टाइप क्वार्टर, 21 जी टाइप फ्लैट्स, 257 एच टाइप फ्लैट्स और 11 आइ टाइप क्वार्टर का निर्माण होगा। इसके अलावा महिला व पुरुष प्रहरियों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे।

    142 साल पुरानी है वर्तमान जेल की इमारत
    ग्वालियर में वर्तमान केंद्रीय जेल का निर्माण वर्ष 1879 में कराया गया था। लंबे समय से नई जेल के निर्माण का मुद्दा उठ रहा था। 30 मई 2018 को ग्वालियर विकास योजना की बैठक में नई जेल के निर्माण का प्रस्ताव पास किया गया था। शुरुआत में जेल को काउंटर मैग्नेट सिटी में बनाना तय किया गया था, लेकिन साडा ने इस एरिया में जमीन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद जमीन की तलाश दोबारा शुरू की गई। हाल ही में ग्राम महाराजपुरा डांग में डीआरडीई को अलॉट की जा रही जमीन से लगी हुई सर्वे क्रमांक 5, 10, 11, 12, 13, 14, 16, 17 व 18 की 45.39 हेक्टेयर जमीन जेल के लिए मुफीद समझी गई है।

    इनका कहना है
    ग्वालियर में पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत नई केंद्रीय जेल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को भेजा गया है। हमारे पास डीजी जेल का भी पत्र है। अब समिति की अनुशंसा के बाद इस प्रोजेक्ट पर आगे काम किया जाएगा।
    यशवंत कुमार दोहरे, कॉर्डिनेटर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड

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