भोपाल। ग्वालियर में अब नई सेंट्रल जेल के निर्माण की तैयारी शुरू की जा रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने जिला योजना समिति के अनुमोदन पर 255.67 करोड़ रुपये की लागत की प्रतिवेदन रिपोर्ट बनाकर जिला स्तरीय साधिकार समिति को भेजी है। यह प्रोजेक्ट पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत तैयार होगा। इसमें वर्तमान सेंट्रल जेल की 19.826 हेक्टेयर जमीन पर हाउसिंग बोर्ड द्वारा टेंडर के आधार पर निर्धारित की जाने वाली फर्म आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट तैयार करेगी। उसे बेचकर मिलने वाली रकम से नई जेल का निर्माण होगा। नई जेल के लिए महाराजपुरा डांग में 45.39 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। इसमें पांच हजार कैदियों के रहने की क्षमता होगी, जबकि वर्तमान जेल की क्षमता दो से ढाई हजार कैदियों की है। नई जेल में तीन हजार कैदी क्षमता के विस्तारीकरण का प्रविधान भी रखा गया है।
142 साल पुरानी है वर्तमान जेल की इमारत
ग्वालियर में वर्तमान केंद्रीय जेल का निर्माण वर्ष 1879 में कराया गया था। लंबे समय से नई जेल के निर्माण का मुद्दा उठ रहा था। 30 मई 2018 को ग्वालियर विकास योजना की बैठक में नई जेल के निर्माण का प्रस्ताव पास किया गया था। शुरुआत में जेल को काउंटर मैग्नेट सिटी में बनाना तय किया गया था, लेकिन साडा ने इस एरिया में जमीन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद जमीन की तलाश दोबारा शुरू की गई। हाल ही में ग्राम महाराजपुरा डांग में डीआरडीई को अलॉट की जा रही जमीन से लगी हुई सर्वे क्रमांक 5, 10, 11, 12, 13, 14, 16, 17 व 18 की 45.39 हेक्टेयर जमीन जेल के लिए मुफीद समझी गई है।
इनका कहना है
ग्वालियर में पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत नई केंद्रीय जेल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति को भेजा गया है। हमारे पास डीजी जेल का भी पत्र है। अब समिति की अनुशंसा के बाद इस प्रोजेक्ट पर आगे काम किया जाएगा।
यशवंत कुमार दोहरे, कॉर्डिनेटर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड
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