उज्जैन। तराना में ग्रामीणों के मकान तोडऩे का मामला सामने आया है और पट्टे के प्लाटों पर जो मकान बने थे उन्हें ही गिरा दिया गया। उज्जैन जिले के तराना की ग्राम टिटोड़ी में शासकीय भूमि में बने तीन लोगों के भवन और होटल को तोडऩे का मामला सामने आया है।
प्रशासन का मानना है कि उक्त भवन फर्जी पट्टे के आधार पर बने है और जिसका उपयोग नीचे आवासीय और दूसरी मंजिल पर होटल संचालित हो रही थी, जबकि पट्टाधारियों का मानना है उक्त पट्टे 24 साल पहले ग्राम पंचायत ने 33 ग्रामीणों को दिए थे जिस पर ग्रामीण अब तक काबिज हैं और निवास कर रहे है। जिसका रिकॉर्ड 2016 में ग्राम पंचायत में चोरी होने पर सात पट्टे के रिकॉर्ड और शासकीय दस्तावेज गायब हो गए थे, जिसकी शिकायत तत्कालीन पंचायत ने 2016 में थाना मक्सी में करवाई थी और 32 पट्टे में से दो पट्टाधारियों के आदेश निकाल कर तीन पट्टाधारियों के भवन को जमींदोज कर उनकी निजी भूमि 166/252/1 और 166/252/2 पर भी फसल में नुकसान कर खंबे क्षतिग्रस्त किए गए। साथ ही खेत में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के पट्टा धारक इस्माइल और नौशाद का होटल और मकान तोडऩे का आदेश था लेकिन साथ में अकरम खान का मकान भी तोड़ दिया गया। तहसीलदार द्वारा नौशाद खान की होटल 30 बाय 45 और इस्माइल खान की होटल 40 बाय 50 को तोडऩे का आदेश जारी किया था जिसको जमींदोज करने स्थानीय प्रशासनिक अमला दल बल के साथ ग्राम टिटोड़ी पहुँचा था और नौशाद और इस्माइल के होटल तोडऩे के बाद अकरम के भवन को भी तोडऩे दिया गया। अकरम खान ने बताया कि इस्माइल खान की पूर्व दिशा में मेरा मकान है तहसीलदार ने पटवारी को 2000 फीट भवन तोडऩे का आदेश दिया था पर पटवारी ने 4000 फीट भवन और नौशाद का 1350 वर्ग फीट के भवन को जमींदोज कर दिया है।
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