भोपाल। जनता को बेहतर इलाज मुहैया कराने की मंशा से लाई गई आयुष्मान भारत योजना को मप्र में मिलीभगत से किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है। इसका एक और बड़ा मामला जबलपुर में सामने आया है। यहां आयुष्मान योजना के जरिए बड़ा मुनाफा कमाने के लिए होटल को ही अस्पताल में बदल दिया। बाकायदा मरीजों को भर्ती कर आयुष्मान योजना के तहत उनका इलाज भी किया जा रहा था। इस मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई कर बड़ा खुलासा किया है।
जबलपुर एसपी के निर्देश पर राइट टाउन स्थित सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल से लगे होटल में जब छापा मारा तो 30 से अधिक मरीज भर्ती मिले। सभी मरीज आयुष्मान योजना के लाभार्थी थे। होटलनुमा अस्पताल मे लापरवाही ऐसी की एक पलंग पर दो-दो मरीजों को लिटा कर इलाज चल रहा था और सुविधाओं के नाम पर कोई भी आपातकालीन व्यवस्था होटल में मौजूद नहीं थी, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान समय में ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि होटल में अस्पताल का संचालन किया जा सके। कोरोन काल में आइसोलेशन के लिए कुछ छूट दी गई थी, लेकिन वर्तमान में ऐसी कोई भी छूट नहीं दी गई है।
सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए मरीजों का फर्जी इलाज
होटल में सबसे ज्यादा आयुष्मान भारत के मरीज भर्ती थे और जिनकी हालत गंभीर नहीं थी जिन्हें प्रथमदृष्टया देखने पर समझ में आ रहा था कि इन्हें बिल बढ़ाने के लिए भर्ती करके रखा गया है। यह सभी विषय जांच के हैं जिसको लेकर आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी जांच कर रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों हुई घटना से सीख ना लेते हुए इस तरह के गंभीर मामले सामने आना शासन और प्रशासन की बातों और वास्तविकता का फर्क साफ समझ आता है जहां सूचियां जारी करके अस्पतालों को ब्लैक लिस्टेड किया जा रहा है वही अस्पताल तो छोडि़ए होटलों में मरीज भर्ती है इस पूरे मामले में आयुष्मान योजना के साथ-साथ अस्पताल संचालन के तरीके पर भी गंभीर सवाल खड़े करें हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved