नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus Pandemic) की वजह से शादी समारोह (wedding ceremony) के साथ-साथ क्रिसमस और नए साल के जश्न (Christmas and New Year Celebrations) के लिए बुकिंग रद्द(cancellation of booking) होने से होटल, रेस्टोरेंट और दूसरे संबंधित क्षेत्र को 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया Federation of Hotel and Restaurant Association of India(FHRAI) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. कोरोना वायरस (Corona virus) के नए मामलों में बढ़ोतरी के साथ उसकी रोकथाम के लिए विभिन्न राज्यों में पाबंदियां लगने से अनिश्चितता बढ़ी है. इससे इंडस्ट्री को डर है कि सरकार के समर्थन के बिना उन्हें अपने काम-धंधे फिर बंद करने पड़ेंगे.
FHRAI के संयुक्त मानद सचिव प्रदीप शेट्टी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि नए साल के आस-पास बहुत सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना था. अब शादियों का सीजन है और वे रद्द हो गई हैं. नए साल और क्रिसमस के आस-आस समारोह और कार्यक्रमों के रद्द होने की वजह से उद्योग को अबतक करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने ओमीक्रोन के नए स्वरूप के प्रभाव को लेकर कहा कि पिछले साल 25 दिसंबर के बाद से शहर के होटल कमरों के इस्तेमाल और शुल्क में भारी गिरावट आई है. शेट्टी ने कहा कि रेस्टोरेंट में भी लोगों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है और यह पचास फीसदी से भी कम हो गई है. बिक्री और आय दिसंबर के मुकाबले घटकर केवल दस से 20 प्रतिशत रह गई है. उन्होंने कहा कि छुट्टियों मनाने और रिसॉर्ट जैसे स्थानों पर भी होटल कमरों का इस्तेमाल 50 फीसदी से भी ज्यादा घट गया है, जो पहले अच्छा चल रहे थे. शेट्टी ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अक्टूबर 2021 से होटलों और रेस्टोरेंट में राजस्व और लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. हालांकि, वर्तमान में इंडस्ट्री फिर से अनिश्चिताओं की तरफ जा रही है. उन्होंने कहा कि दिसंबर के मध्य तक, रिसॉर्ट और छुट्टी की जगहों में मौजूदगी करीब 80 से 90 फीसदी तक पहुंच गई थी. उन्होंने कहा कि शहरों और कॉरपोरेट होटलों में, ये करीब 50 फीसदी को छू रही थीं. ये कोविड-19 पूर्व के स्तर से गिरावट है, लेकिन ये प्रोत्साहन देने वाले संकेत थे और इसके साथ रेवेन्यू भी बढ़ रहा था. उन्होंने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि यह कोरोना की नई लहर एक महीने के अंदर खत्म हो जाएगी. यह एक परेशान करने वाली स्थिति है. वे अब केवल यह उम्मीद कर रहे हैं कि अगर बंद होगा, तो हमें खुले रहने की इजाजत मिलेगी. शेट्टी ने आगे कहा कि बहुत ज्यादा डर, घबराहट और चिंता है कि कोई व्यक्ति क्या करे, क्योंकि लगातार दो लॉकडाउन के बाद दोबारा खोलने और कामकाज को दोबारा शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर पैसे को लगाया जा चुका है.