उज्जैन। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में आए बदलाव के चलते रविवार का दिन उज्जैन में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। कल अधिकतम तापमान 44 डिग्री पर पहुँच गया। वहीं रात में भी न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था। वेधशाला अधीक्षक आर.पी. गुप्ता ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले दो दिन से मौसम में बदलाव आया है। इसके चलते पश्चिम मध्य प्रदेश में राजस्थान की ओर से गर्म हवाएँ चल रही है। इन गर्म हवाओं ने पूरे मालवांचल सहित उज्जैन जिले को भी भीषण गर्मी से तपा दिया है।
शनिवार को उज्जैन में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस था। यह रविवार को लगभग दो डिग्री बढ़कर 44 डिग्री पर पहुँच गया। इस कारण रविवार का दिन गर्मी के इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान के साथ-साथ न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। आज सुबह वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार रात में न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले सप्ताह तक गर्मी के मान से मौसम के ऐसे ही मिजाज रहेंगे और अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पर जाने की संभावना है। हालांकि इस दौरान शाम के समय बादल छाने और हवा के साथ बारिश का भी अनुमान है।
लू चलने का अलर्ट हुआ जारी…
उज्जैन में आज सुबह से ही तापमान 28.4 डिग्री पर पहुँच गया था। वेधशाला स्थित मौसम विभाग का अनुमान है कि आज का तापमान 45 डिग्री तक पहुँच सकता है लेकिन गर्म हवाएँ लगातार चलती रहेगी। गर्मी बढऩे के कारण उज्जैन में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
इसलिए बदल गया मौसम…
डॉ. गुप्त के अनुसार नॉर्थ ईस्ट राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सरकुलेशन सिस्टम है वहीं से एक टर्फ लाइन भी गुजर रही है। मध्य प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस टर्फ लाइन के साथ एक्टिव है। एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर होगा इसके चलते कहीं तेज गर्मी तो कहीं बारिश, आंधी की संभावना है। खासकर दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में बारिश और आंधी का असर हो सकता है।
चिकित्सक बोले, सावधान रहें..
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. जितेंद्र शर्मा ने बताया कि मौसम में गर्मी बढऩे से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। 44 डिग्री पर तापमान जाने के बाद लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। विशेष कर दोपहर के समय घर के बाहर निकलते वक्त मुंह और सिर पर कपड़ा बाधँना जरूरी है। इस मौसम में बच्चों को बाहर के शीतल पेय और अन्य खाद्य पदार्थ देने से बचना चाहिए। बड़ों को भी ऐसे में पानी का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी है अन्यथा उल्टी-दस्त और डायरिया जैसी बीमारियाँ हो सकती है। जिला अस्पताल में अभी इस तरह के मरीजों की भरमार है। सभी को लगातार उपचार दिया जा रहा है।
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