इंदौर। भंवरकुआं चौराहे के पास का पूरा क्षेत्र होस्टलों से आबाद है और अधिकांश होस्टल यहां अवैध बने हैं। आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। कई जगह तो यह हालात है कि छोटे-छोटे कमरों में होस्टल संचालित हो रहे हैं और एमओएस पर भी कब्जे कर रेस्टोरेंट बना लिए गए हैं। इन्द्रपुरी और विष्णुपुरी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हर घर में होस्टल, पेइंग गेस्ट और किरायेदार हैं। यहां तकरीबन हर मकान मालिक ने बिना नक्शा पास कराए बगैर या तो होस्टल का निर्माण कर लिया है या फिर छोटे-छोटे कमरे बनाकर उन्हें किराये पर दे दिया है।
कल नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई में अवैध होस्टलों का मामला उजागर हुआ। इसमें भी निगम ने बड़े-बड़े चार मंजिला होस्टलों पर बुलडोजर चलवाया, जबकि इनके निर्माण की शुरुआत के समय कोई निगम अधिकारी यहां झांकने तक नहीं पहुंचा। ऐसे कई होस्टल हैं, जो नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे हैं। इनमें से कइयों को तो राजनीतिक रसूखदारों ने संरक्षण दे रखा है। फिलहाल निगम ने ऐसे 22 होस्टल चिन्हित किए हैं, लेकिन इनकी संख्या सैकड़ों में हैं। अगर किसी दिन कोई बड़ी घटना हो जाए या किसी होस्टल में आग लग जाए तो स्टूडेन्ट्स का बाहर निकालना मुश्किल हो जाएगा।
अधिकांश होस्टलों में अग्निकांड से बचाने के लिए उपकरण तक नहीं हैं। कई होस्टल छोटी-छोटी गलियों में बने हुए हैं, जो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण दे सकते हैं, क्योंकि यहां फायर ब्रिगेड तो क्या छोटी कार के निकलने तक कि जगह नहीं है। आज तक यहां किसी भी अधिकारी ने जांच की जहमत नहीं उठाई है। दूसरा हर घर में छोटे-छोटे रेस्टोरेंट भी हैं, जो एमओएस की जगह पर निर्माण करके बनाए गए हैं। नियम अनुसार एमओएस की जगह खाली रखना होती है, लेकिन हर एमओएस पर कब्जा किया हुआ है। कुछ बड़े होस्टल संचालकों ने जरूर एमओएस की जगह छोड़ी है।
शाम के समय भोलाराम उस्ताद मार्ग पर पैर रखने की जगह नहीं
होस्टल हब बन चुके इस क्षेत्र में शाम के समय इतनी भीड़ हो जाती है कि चारों ओर स्टूडेन्ट्स ही दिखते हैं। भोलाराम उस्ताद मार्ग पर तो पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती। यहां बड़ी संख्या में रेस्टोरेंट बने हुए हैं, जो बीआरटीएस से
लगे होने के कारण देर रात तक खुले रहते हैं।
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