इंदौर। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में पुलिसकर्मियों (Policemen) के बच्चों (children) के लिए बनाए जा रहे छात्रावासों (hostels) का काम लगभग पूरा हो गया है। इंदौर (Indore) और ग्वालियर (Gwalior) में तो दो माह में रहने की व्यवस्था हो जाएगी। भोपाल (Bhopal) में भी काम अंतिम चरण है। इन छात्रावासों में पुलिसकर्मियों के परिवार (family) के सदस्य उच्च शिक्षा (higher education) के लिए नि:शुल्क रह सकेंगे।
पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन (Police Housing Corporation) छात्रावासों (hostels) का निर्माण करा रहा है। तीनों छात्रावासों में 208 बच्चों के रहने की व्यवस्था है। इन छात्रावासों (hostels)में अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों को रहने की सुविधा मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में कार्यरत पुलिसकर्मियों (Policemen) के बच्चों (children) को उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों (cities) में जाना पड़ता है। ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी समस्या आवास की होती है। पुलिस महकमे ने अधिकारियों और कर्मचारियों को इससे राहत देने के लिए यह निर्माण करवाया है। अभी यहां ठहरने की पात्रता के लिए नियम तय नहीं हुए हैं, लेकिन पहले आओ-पहले पाओ के आधार यह सुविधा दी जाएगी। यहां बच्चों (children) के लिए खाने की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि उन्हें पारिवारिक माहौल (Family atmosphere) मिल सके। इसके लिए शुल्क (fee) तय करने को लेकर भी अभी निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि यह शुल्क (fee) बाजार की तुलना में बेहद कम रहेंगे। एडीजी (पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन) उपेन्द्र जैन (Upendra Jain) के अनुसार इंदौर (Indore) और ग्वालियर (Gwalior) में काम लगभग पूरा हो चुका है। अधिकतम एक से दो माह में यहां रहने की सुविधा मिल जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved