निगम के पास सिर्फ चार वाहन, कई लोगों के अस्पतालों से दिनभर आते हैं फोन
कई समाजसेवी संस्थाओं के पास शव वाहन तो हैं, लेकिन ड्राइवर नहीं
इन्दौर। शहर के कई अस्पतालों (Hospitals) में भर्ती कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की मौत के बाद उन्हें मुक्तिधाम (Muktidham) ले जाने के लिए शव वाहन के लिए परिजनों को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। निगम के पास सिर्फ ऐसे चार वाहन हैं, जिनकी दिनभर डिमांड बनी रहती है। निगम ने भोपाल (Bhopal) की फर्म से किराए पर वाहन लेने की जुगत भी भिड़ाई, लेकिन वाहन नहीं मिले। इन्दौर में करीब एक दर्जन संस्थाओं के पास शव वाहन हैं, लेकिन मुसीबत यह है कि उन वाहनों को चलाने के लिए ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं। इसी के चलते यह फजीहत अब बड़ा रूप ले रही है। कुछ निजी वाहन चालक इसके बदले लोगों से मोटी रकम भी मांगने लगे हैं।
नगर निगम (Municipal Corporation) के पास तीन वाहन थे और कोरोना काल के दौरान शव वाहन की डिमांड बढ़ी तो एक वाहन और ताबड़तोड़ वर्कशाप सेंटर में तैयार कराया गया। अब कुल चार वाहन हो गए हैं, लेकिन उसके बावजूद स्थिति यह है कि शव वाहन के लिए अस्पताल (Hospital) में लोगों को दो से तीन घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है और कई बार फोन लगाते हैं, तब शव वाहन अस्पताल से लेकर मक्तिधाम तक पहुंच पा रहा है। नगर निगम (Municipal Corporation) अधिकारियों के मुताबिक हर रोज विभिन्न अस्पतालों (Hospitals) से कोरोना संक्रमित लोगों की मौत के बाद परिजनों को शव वाहन के लिए मशक्कत करना पड़ रही है। कुछ समय पहले भोपाल (Bhopal) की एक फर्म से निगम ने वाहन मांगे थे, लेकिन फर्म ने वाहन किराए पर देने से साफ इनकार कर दिया। इन्दौर में विभिन्न विधायकों और समाजसेवी संस्थाओं के पास शव वाहन तो हैं, लेकिन ड्राइवरों ने कोरोना संक्रमितों के शव ले जाने से इनकार करते हुए काम बंद कर रखा है, जिसके चलते ऐसे वाहन खड़े हुए हैं। निगम (Corporation) के चार वाहनों के लिए दिनभर अस्पतालों (Hospitals) से डिमांड बनी रहती है और निगम कंट्रोल रूम (Corporation Control Room) से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों तक फोन घनघनाते रहते हैं। वहीं अब निगम अधिकारी कोशिश में हैं कि कुछ संस्थाओं की मदद लेकर अपनी टीमों के माध्यम से इन वाहनों को दौड़ाया जाए। इसके लिए कुछ संस्थाओं के पदाधिकारियों से चर्चा चल रही है।
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