- पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली पर विभाग के अफसरों ने उठाए सवाल
- आयुष मंत्रालय ने दूसरी एजेंसी से काम कराने मांगी एनओसी
रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रदेश में सरकारी भवन, सड़क एवं अन्य निर्माण कार्य कराने वाले लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठ रहे हैं। खुद विभाग के अधिकारियों का मानना है कि न तो समय पर डीपीआर बनाई जा सकती है है और न ही निर्माण कार्य पूरा हो सकता है। ऐेसे में आयुष मंत्रालय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में दूसरी एजेंसी से आयुष अस्पताल निर्माण कराने के लिए लोक निर्माण विभाग से एनओसी मांगी है।
आयुष मंत्रालय ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि सीहोर जिले में आयुष विभाग द्वारा 50 बिस्तरीय एकीकृत आयुष अस्पताल का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राशि प्रदान की जानी है। यह राशि समय पर खर्च करना है। इसलिए अस्तपाल का निर्माण समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना है। आयुष मंत्रालय ने सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कूलर के अनुसार एक करोड़ से अधिक के कार्य लोनिवि के अलावा अन्य एजेंसी से कराने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा है। हालांकि लोनिवि सीधे तौर पर किसी भी कार्य को करने से इंकार नहीं करता है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ऐसा लिखकर नहीं दिया जा सकता कि हम काम समय पर नहीं करा सकते हैं। अधिकारी के अनुसार लोनिवि काम करने में सक्षम और पर्याप्त अमला है। यदि कोई विभाग अन्य किसी एजेंसी से काम कराना चाहता है करा सकता है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि लोनिवि के अफसरों ने आयुष विभाग के अफसरों से दो टूक कह दिया है कि पीडब्ल्यूडी ऐसा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दे सकता कि हम समय पर काम पूरा नहीं कर सकते हैं। यदि दूसरी एजेंसी से काम कराना है तो इसके लिए मुख्य सचिव से अनुमति ली जा सकती है। आयुष मंत्रालय ने प्रभारी ईएनसी का दिया हलावा
आयुष मंत्रालय की प्रमुख सचिव ने लोनिवि के प्रमुख सचिव को लिखा है कि पीडब्ल्यूडी के पीआईयू के मुख्य अभियंता के अनुसार वर्तमान में अधिक कार्य होने की वजह से डीपीआर एवं निर्माण कार्य में विलंब हो सकता है। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने हाल ही में जिस इंजीनियर को प्रभारी प्रमुख अभियंता (ईएनसी)बनाया है, इससे पहले वे पीआईयू की मुख्य अभियंता थे।