इंदौर (Indore)। कलकत्ता की घटना के चलते देशभर में बवाल तो मचा ही, वहीं सभी निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अब पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था अपनाई जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने भी इस संबंध में आदेश जारी किए हैं, जिसमें सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे तो लगाना अनिवार्य रहेंगे, वहीं जो सिक्युरिटी गार्ड हैं उन्हें बॉडी वॉर्न कैमरे उपलब्ध कराना पड़ेंगे, ताकि अप्रिय घटना की स्थिति में निष्पक्ष जांच हो सके। क्षेत्र के थाना प्रभारी की जिम्मेदारी भी तय की गई है। वहीं भीड़ से बचने के लिए मरीज के पास सिर्फ एक ही परिजन को रहने की अनुमति दी गई है और रात 8 बजे के बाद सिक्युरिटी गार्ड ब्रिथ एनालाइजर के जरिए जांच की जाएगी।
कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर रौशनी की व्यवस्थ, सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी के अलावा कानूनी जानकारी के सूचना बोर्ड भी अस्पताल परिसर में लगाना होंगे और कंट्रोल रुम का प्रबंध करने के साथ उसमें इमरजेंसी कॉल उपकरण भी लगाया जाएगा। पैनीक अलार्म सिस्टम डवलप करने के साथ नजदीकी थानों के ड्यूटी रोस्टर की प्रति भी नजदीक के अस्पतालों को उपलब्ध कराना होगी। सुरक्षाकर्मियों को बॉडी वॉर्न कैमरे देने के अलावा ब्रीथ एनालाइजर भी दिए जाएंगे, ताकि रात 8 बजे के बाद कोई नशेड़ी या अवांछित व्यक्ति परिसर में प्रवेश न कर सके। महिलाओं के लिए शौचालय ड्यूटी रूम में ही अटैच रहेंगे और शौचालय के बाहर व आसपास रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।
किसी मरीज की मृत्यु पर उसके पार्थिव शरीर को अविलंब परिजनों को सौंपा जाएगा और हर माह तीन माह में अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समन्वय बैठक आयोजित होगी। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों के पास एक ही परिजन को रहने की अनुमति रहेगी। केवल बुजुर्ग और छोटे बच्चे के मरीज होने एवं महिला अटेंडर की स्थिति में दो परिजनों को ये अनुमति मिल सकेगी। सुरक्षा संबंधी मॉकड्रिल पुलिस विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर तत्काल रोस्टर बनाकर की जाएगी और इसकी जिम्मेदारी चिकित्सा संस्थाओं, मेडिकल कॉलेज के साथ संबंधित थाना प्रभारी की भी रहेगी।
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