भोपाल। केंद्र सरकार ने होशंगाबाद जिले का नाम बदलने को मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी भी अन्य शहरों के नाम बदलने के प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित हैं। इनमें सीहोर जिले का नसरुल्लागंज, रायसेन जिले का औबेदुल्लागंज, सुल्तानपुर, गौहरगंज, बेगमगंज सहित अन्य शहरों-कस्बों के नाम शामिल हैं। इन शहरों से नाम बदलने की मांग उठने लगी है। इनमें से नसरुल्लागंज का नाम भेरूंदा करने की घोषणा मुुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 22 फरवरी 2021 को कर चुके हैं। वहीं भोपाल नगर निगम परिषद वर्ष 2017 में शहर का नाम भोजपाल करने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज चुकी है, जो लंबित है।
इन जगहों के नाम बदलने की मांग
विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रहते हुए रामेश्वर शर्मा ने ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी करने और सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने लालघाटी एवं हलालपुर का नाम बदलने की मांग की है। भोपाल जिला और इसके आसपास के शहरों पर नवाबी हुकूमत का बड़ा असर पड़ा है। नवाब परिवार के सदस्यों और उनके नजदीकी लोगों की जहां-जहां रियासत थी, उन शहरों के नाम बाद में उन्हीं के नाम पर रख दिए गए। भोपाल, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद जिलों के ज्यादातर शहरों के नाम इसीलिए पड़े हैं। जिन्हें बदलने की मांग वर्ष 2006 से लगातार उठ रही है। प्रदेश में ऐसे शहरों के नाम बदलकर भारतीय संस्कृति की पहचान फिर से कायम करने की शुरुआत की गई है।
कुछ शहरों के पुराने नाम
भोपाल को भू-पाल या भोजपाल। विदिशा को भेलसा या विदावती। सीहोर को सीधापुर। ओंकारेश्वर को मांदाता। दतिया को दिलीप नगर। महेश्वर को माहिष्मति। जबलपुर को त्रिपुरी या जबालिपुरम। ग्वालियर को गोपांचल।
इसलिए बदले इन शहरों के नाम
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved