लुधियाना: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने 16वें वित्त आयोग के सामने राज्य के विकास के लिए जोरदार ढंग से अपनी बात रखी है. उम्मीद है भारत सरकार राज्य के लिए 132,247 करोड़ रुपए के फंड की व्यवस्था करने में सक्षम होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया को 1980 के दशक से लेकर अब तक के पंजाब के वित्तीय हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
वित्त मंत्री ने जीएसटी प्रणाली से पंजाब को हुए नुकसान के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया कि आबकारी और कराधान विभाग के आंतरिक मूल्यांकनों के आधार पर अगर वैट प्रणाली जारी रहती तो राज्य को इस साल 25,750 करोड़ के बजट वाले जीएसटी के मुकाबले 45,000 करोड़ से अधिक आमदनी होती. चीमा ने बताया कि साल 2030-31 तक वैट 95,000 करोड़ और जीएसटी 47,000 करोड़ होने के अनुमान के साथ यह अंतर और भी बढ़ सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पूंजीगत खर्चों को बढ़ाकर राज्य के कुल घरेलू उत्पाद का 1.5 फीसदी करने, पिछली सरकारों के समय के बकाया कर्ज घटाने, राजस्व वसूली बढ़ाने और फिजूल खर्च को कम करने का वादा किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये भी साफ किया कि पंजाब सरकार जनता को दी जा रही है बिजली सब्सिडी को बंद नहीं करेगी. इसके बदले ऊर्जा उत्पादन के खर्चे को कम किया जाएगा.
पंजाब सरकार ने वित्त आयोग से की मांग
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved