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    पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय में 3 गुना होगी वृद्धि

  • July 13, 2023

    • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया ऐलान
    • योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से लोगों की जिंदगी आसान बनाएं

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, उप सरपंच और पंच आदि के मानदेय में करीब तीन गुना वृद्धि करने और वाहन भत्ता बढ़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि निर्विरोध चुनी गई 705 पंचायतों को 55 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि जारी कर दी गई है। जल्द मानदेय बढ़ाने के संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। सीएम हाउस से शिवराज सिंह चौहान ने वीसी द्वारा एक क्लिक से मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत प्रदेश के 26 हजार 150 श्रमिकों को 583.36 करोड़ रुपए उनके खातों में जारी किए। इस दौरान उन्होंने पंचायतराज प्रतिनिधियों से संवाद भी किया। संवाद में प्रदेश के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक सहित जिला और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी वर्चुअली तरीके से जुड़े। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि त्रि-स्तरीय पंचायत, राज्य संस्थाओं के प्रतिनिधि ग्रामीण विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मनरेगा फंड सहित अन्य योजनाओं की राशि का सदुपयोग करते हुए लोगों की जिन्दगी को आसान बनाने का काम किया जाना चाहिए। संबल योजना सहित सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे इसके लिए सभी सक्रिय रहें।

    विद्यार्थियों को आवास और भोजन की सुविधा
    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में श्रमोदय विद्यालय भी संचालित हैं, जिनमें पब्लिक स्कूल की तरह आवश्यक सुविधाएं हैं। विद्यार्थियों को आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में एक करोड़ 57 लाख पंजीयन किए जा चुके हैं। संबल 2.0 योजना में अब तक प्रदेश में 4 लाख 68 हजार से अधिक परिवारों को 4211 करोड़ से अधिक की सहायता अंत्येष्टि तथा अनुग्रह सहायता के रूप में दी जा चुकी हैं। मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नए आईटीआई प्रारंभ कर रहा है। यहां श्रमिकों के बच्चों को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। मंडल ने वर्ष 2008-09 से अब तक 5 लाख 86 हजार से अधिक परिवारों को विभिन्न योजनाओं में 35 करोड़ 77 लाख से अधिक का हितलाभ दिया है।


    प्राप्त राहत राशि से आजीविका की गाड़ी चलेगी
    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संबल योजना में दी गई राशि से मजदूर परिवारों की आजीविका की गाड़ी चल सकेगी। संबल योजना की शुरूआत वर्ष 2018 में हुई थी। 16 मई 2022 को मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) लागू की गई। गरीब श्रमिकों को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा संकट की स्थिति में आर्थिक सहायता मिले, इस उद्देश्य से योजना प्रारंभ की गई थी। परिवार में किसी के बीमार होने, प्रसूति, दिव्यांगता और असामयिक मृत्यु पर परिवार को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दरिद्र नारायण के सेवा के विचार को क्रियान्वित करने के लिए योजना प्रारंभ की गई। पूर्व सरकार ने योजना में पात्र हितग्राहियों के नाम काटने और योजना को बंद करने का श्रमिक विरोधी कार्य किया। हमने इसे पुन: प्रारंभ कर नए आयाम जोड़े। अभियान संचालित कर संबल-2.0 में 17 लाख पात्र नाम जोड़े गए।

    गर्भवती महिला को देती है राहत
    मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस योजना को प्रारंभ करने का विचार ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती और शिशुवती माताओं की तकलीफ देखने के बाद उनके मन में आया था। संबल योजना श्रमिक परिवारों की महिलाओं को प्रसूति के पूर्व 4 हजार और प्रसूति के पश्चात 12 हजार रुपये की राशि प्रदान कर राहत देती है। दुर्घटना में असामयिक मृत्यु पर 4 लाख और सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपये का प्रावधान है। स्थायी अपंगता पर 2 लाख और सामान्य अपंगता पर भी एक लाख रुपये का प्रावधान है। अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपये की राशि सहायता स्वरूप दी जाती है।

    सीएम ने पंचायत प्रतिनिधियों से किया संवाद
    मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद में कहा कि महात्मा गांधी नरेगा (मनरेगा) और अन्य योजनाओं के संबंध में पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग का विस्तृत प्रस्तुतिकरण मार्गदर्शी सिद्ध होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में सभी जनप्रतिनिधियों का विशेष सहयोग आवश्यक है। राज्य सरकार ने पंचायत पदाधिकारियों के हितों की चिंता की है। मानदेय वृद्धि का निर्णय लिया गया है। हाल ही में रोजगार सहायकों का मानदेय 9 हजार से बढ़ाकर 18 हजार किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान संचालित कर पुराने कार्यों को पूर्ण किया जाए। नए कार्यों के क्रियान्वयन के साथ अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करना आवश्यक है।

    पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का प्रेजेंटेशन
    अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में एक अप्रैल 2023 से मजदूरी की पुनरीक्षित दर 221 लागू हैं। जून महीने में मध्यप्रदेश को योजना की दो किश्तें प्राप्त हो चुकी हैं। समय पर राशि प्राप्त होने से श्रमिकों के भुगतान में आसानी हुई है। मजदूरी के पुराने भुगतान भी लंबित नहीं हैं। प्रदेश में वर्तमान में 11 लाख 75 हजार 792 कार्य चल रहे हैं। इनमें हितग्राही मूलक कार्यों की संख्या 8 लाख 73 हजार 163 है। सामुदायिक कार्यों की संख्या 3 लाख 2 हजार 629 है। इन कार्यों में चेक डेम, स्टॉप डेम, अमृत सरोवर आदि शामिल हैं। सुदूर खेत सड़क के 11 हजार 685 कार्यों पर एक हजार 523 करोड़ की राशि व्यय हुई है। पूर्व वर्षों के करीब ढाई हजार सुदूर खेत सड़क (पुल-पुलिया सहित) कार्य भी पूर्ण कर लिए गए हैं। एक माह में करीब एक हजार नवीन कार्य स्वीकृत किए गए हैं। मनरेगा में इस वित्त वर्ष में समय से मजदूरी का भुगतान प्रतिशत 99.43 है। प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर निर्माण के लक्ष्य के अनुसार प्रदेश में 5936 अमृत सरोवरों का कार्य शुरू हुआ। अब तक 4806 कार्य पूरे हो गए हैं। मध्यप्रदेश देश में इस कार्य में द्वितीय स्थान पर है।

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