नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) के बढ़ते मामलों के बीच गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों को सावधानी से प्रतिबंधों में ढील देने की बात कही है. मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि कोरोना(Corona) से निपटने के लिए पांच सूत्रीय रणनीति (five point strategy) पर ध्यान देने की जरूरत है. मंत्रालय ने टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोरोना उपयुक्त व्यवहार (Testing, Tracking, Treatment, Vaccination and Corona Appropriate Practices) अपनाने पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं.
मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को केस पॉजिटिविटी रेट, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता पर लगातार ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा जिलेवार रणनीति बनाने पर जोर देने की बात कही गई है. मंत्रालय ने कहा है कि अगर केस पॉजिटिविटी रेट बढ़ता है और अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती है तो तत्काल कंटेनमेंट रणनीति पर काम करना होगा.
इससे पहले टीकाकरण(Vaccination) पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्य समूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने बीते रविवार को कहा था कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर घट रही है और डेल्टा के नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ ने नई चिंता पैदा कर दी है. सभी महामारी वैज्ञानिकों ने अपनी भविष्यवाणी में कोविड-19 की तीसरी लहर को करीब-करीब अनिवार्य बताया है, लेकिन डेल्टा प्लस को अभी तक महामारी की तीसरी लहर से नहीं जोड़ा जा सका है. हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि कोरोना वेरिएंट्स का जुड़ाव महामारी की नई लहरों से है, इसलिए तीसरी लहर के लिए डेल्टा प्लस वेरिएंट्स को जिम्मेदार मानने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता. डॉ. अरोड़ा ने कहा था, ‘महामारी के लहरों का संबंध वायरस के नए वेरिएंट्स या फिर नए म्यूटेशन से हैं, इसलिए डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर आने की एक संभावना है क्योंकि यह एक नया वेरिएंट है. लेकिन क्या वाकई यह तीसरी लहर की ओर ले जाएगा, इसका उत्तर देना मुश्किल है क्योंकि यह दो या तीन चीजों पर निर्भर करेगा.’ डॉ. अरोड़ा ने कहा कि वायरस का अकेला वेरिएंट देश पर बुरी तरह से चोट नहीं कर सकता क्योंकि इसके अलावा तीन अन्य ऐसे कारक भी हैं जो महामारी की संभावित नई लहर को नियंत्रित करेंगे.