इंदौर। ऑनलाइन ऐप (online app) से लोन लेकर किश्तें न चुका पाने की वजह से इंदौर (Indore) में एक परिवार के चार लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) हरकत में आ गई हैं। प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Dr. Narottam Mishra) ने बुधवार को कर्ज न चुकाने के कारण परिवार की आत्महत्या को मार्मिक बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर (police commissioner) को घटना के सभी पहलुओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं। साइबर सेल (cyber cell) भी इस ऐप के तकनीकि पहलुओं की छानबीन करेगी।
इंदौर के बाणगंगा इलाके में एक घर में परिवार के चार सदस्यों के शव मिले थे। मृतकों की पहचान अमित यादव (35), टीना यादव (31), तीन साल की बेटी याना और डेढ़ साल दिव्यांश यादव के रूप में हुई थी। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया था कि अमित यादव का शव फंदे से लटका हुआ मिला, जबकि उसकी पत्नी टीना, बेटी याना और बेटे दिव्यांश का शव जमीन पर पड़े हुए मिले थे। उन्होंने बताया कि मृतक के घर का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस टीम दरवाजा तोड़कर घर के अंदर पहुंची। आशंका जताई जा रही है कि अमित ने पहले पत्नी और अपने दोनों बच्चों की हत्या की और बाद में खुद ने सुसाइड।
मौके से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। जिसमें कर्ज न चुकाने की वजह से परेशान होना बताया था। हालांकि, पुलिस अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर ली है। अमित ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसपर करीब तीन लाख रुपये का कर्ज था। यह लोन मैंने ऑनलाइन ऐप से लिया है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि मरने के बाद लोन चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए मेरे परिवार का कोई भी सदस्य लोन की किश्तें जमा न करें।
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