भोपाल। पूर्व मंत्री और लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह (MLA Dr. Govind Singh) ने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) के नाम पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि भिंड और दतिया जिले की जीवनदायिनी सिंध नदी (Sindh River) है। सेंवढ़ा के सनकुआं स्थल पर भेड़ाघाट की भांति, यहां पर भी जल की धारा गिरती थी। यह नदी, रेत माफिया की वजह से सूख रही है। सेंवढ़ा का एसडीएम (SDM) रेत के ट्रकों से पैसा लेता है। उन्होंने कहा कि हम और आप ने नदी की चिंता नहीं की, तो नदी सूख जाएगी और आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने सेंवढ़ा अनुविभाग के एसडीएम (SDM) पर सीधा आरोप लगाया और कहा कि यह अधिकारी हर ट्रक से रेत ले जाने के एवरेज में पैसा लेता है। ऐसे भ्रष्ट अफसरों को लाइन से लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेत माफिया पनडुब्बी डालकर नदियों का सीना चीर रहे है। जिससे नदियों का जलस्तर गिर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी तरह से सिंध नदी से रेत का दोहन किया जाता रहा है। एक साल नदी का नामोनिशान मिट जाएगा।
रेत माफिया बेखौफ
पूर्व मंत्री सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिस तरह से नदियों पर रेत माफिया हावी है इससे शासन और प्रशासन बौना हो गया है। यह रेत माफिया के मन में प्रशासन का कोई डर भय नहीं है। यह रेत माफिया लगातार अफसरों, पुलिस जवान और वन कर्मियों पर गोलियां चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले सेंवढ़ा के कंधारपुरा गांव में रेत माफियाओं द्वारा गोलियां चलाई थीं।
गिर रहा जल स्तर
पत्र के माध्यम से पूर्व मंत्री सिंह ने कहा कि सेंवढ़ा और भिंड जिले के दस नगरों में पेयजल आपूर्ति की योजनाएं स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। यदि शीघ्र रेत खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो नगर वासियों पर पेयजल संकट उत्पन्न हो जाएगा। वर्तमान में रेत उत्खनन से दतिया और भिंड जिले में सिंध नदी के दोनों तरफ 25 से 30 किमी दूरी तक 30 से 40 फीट जलस्तर गिरा है। यह हाल चलता रहा तो दोनों जिले के कई गांव में कुआं, हैंडपंप सूख जाएंगे।
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