गुवाहाटी: मंगलवार को असम के गुवाहाटी में बोलते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य के लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून [Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 or AFSPA] हटा लिया गया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि आगामी कुछ वर्षों में असम उग्रवाद से बिल्कुल मुक्त हो जाएगा, इसके बाद राज्य के शेष हिस्से से भी अफस्पा हटा लिया जाएगा. गृह मंत्री शाह ने कहा कि एक समय था जब असम को सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) दिया गया था, अब राज्य के युवाओं को ‘नौकरी और आकांक्षाओं’ की शक्तियां मिल रही हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम जल्द ही उग्रवाद मुक्त होगा. पिछले 6 महीनों में असम में कोई घुसपैठ नहीं हुई है. असम के युवा अब अफस्पा की जगह विकास चाहते हैं. मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पूरे असम से अफस्पा हटा लिया जाएगा.अमित शाह ने कहा कि 1990 के दशक में लागू होने के बाद मोदी सरकार के सत्ता में आने तक अफस्पा को असम में 7 बार बढ़ाया गया था. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के 8 साल के शासन के बाद, राज्य के 23 जिलों को AFSPA मुक्त कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री ने तारीफ करते हुए कहा कि असम पुलिस ने पिछले 1 साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं.
अमित शाह ने यह भी कहा कि चरमपंथी समूहों के साथ एक के बाद एक शांति समझौते किए जा रहे हैं, भटके हुए युवा मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और सात दशक पुराने मुद्दों को सुलझाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ बातचीत भी की जा रही है. असम से AFSPA को पूरी तरह से हटाने पर अमित शाह का दावा केंद्र सरकार के उन बयानों की श्रृंखला में सबसे ताजा है, जिनमें आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में पूर्वोत्तर के सभी राज्य सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून से मुक्त होंगे.
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी असम में थे, जहां उन्होंने कहा कि वह पूर्वोत्तर में संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति की उम्मीद करते हैं और अगर चीजें सामान्य हो जाती हैं तो अफस्पा को हटा दिया जाएगा. असम के कारबी आंगलोंग क्षेत्र के लोरिंगथेपी में गत 28 अप्रैल को ‘एकता, शांति और समृद्धि’ रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘पूर्वोत्तर के राज्यों में जैसे-जैसे शांति आ रही है, हम नियम बदल रहे हैं. अब असम के 23 जिलों से AFSPA हटा दिया गया है, क्योंकि वहां शांति है. अन्य जगहों पर भी, हम कोशिश कर रहे हैं कि अगर चीजें ठीक रहीं तो वहां से भी अफस्पा हटा दिया जाएगा.’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पिछले महीने कहा था कि सेना की तीनों शाखाएं सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) 1958 को पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर से हटाने के पक्ष में हैं, लेकिन इन राज्यों की स्थिति को ध्यान में रखकर यह विवादास्पद कानून अभी लागू है. बीते दिनों राजनाथ सिंह ने गुवाहाटी में एक समारोह में कहा था, ‘मेघालय और अरुणाचल प्रदेश से पहले ही अफस्पा हटा दिया गया था. हाल ही में, गृह मंत्री अमित शाह ने असम के 23 जिलों से और मणिपुर और नागालैंड में 15-15 पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से AFSPA को वापस ले लिया है. क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के कारण पूर्वोत्तर से AFSPA को हटाया जा रहा है.’
अफस्पा यानी आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर एक्ट (Armed Force Special Powers Act) के तहत किसी राज्य या क्षेत्र विशेष में सैन्य बलों को शांति स्थापित करने के लिए विशेष अधिकार हासिल होते हैं. अफस्पा उन क्षेत्रों और राज्यों में लागू होता है, जो उग्रवाद, आतंकवाद, अलगाववाद, नक्सलवाद की चपेट में होते हैं. इस कानून के अंतर्गत सैन्य बलों द्वारा की गई कार्रवाई कानूनी जवाबदेही से मुक्त होती है. मेघालय से 2018 में, त्रिपुरा से 2015 और 1980 के दशक में मिजोरम से अफस्पा पूरी तरह हटा लिया गया था. वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश भी अफस्पा मुक्त है. असम, नागालैंड और मणिपुर में भी गृह मंत्रालय ने शांत क्षेत्रों से अफस्पा हटा लिया है.
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