नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध और लोगों के आपसी संपर्क बढ़ाना जरूरी है। इन देशों के लोगों के बीच एक जुड़ाव है क्योंकि इनमें से कई क्षेत्र 1947 से पहले भारत का हिस्सा थे।
शाह ने का, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (एलपीए) के स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की 15,000 किलोमीटर लंबी भू सीमा है। प्राधिकरण (एलपीए) सीमा सुरक्षा से समझौता किए बिना पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को बढ़ा सकता है। 1947 से पहले हम एक साथ थे। हमारी संस्कृति समान है, हम एक जैसी भाषाएं बोलते हैं, हमारे बीच जुड़ाव है।
व्यापारिक संबंध, सांस्कृतिक संबंध और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाने के अवसर हैं। अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान के साथ लगती भारत की 15,000 किलोमीटर लंबी सीमाएं हर 50 किलोमीटर पर अलग-अलग चुनौतियां पेश करती हैं।
दुनिया में मुश्किल ही ऐसा कोई देश हो, जिसके पास भारत की तरह अपनी सीमा पर इतने अवसर हैं। भारत कई वस्तुओं के विनिर्माण के साथ आगामी 10 साल में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल होगा। हमें इन सात देशों में व्यापार के नए अवसर पैदा करने होंगे और यह भूमार्गों से संभव है।
शाह ने कहा, सीमा के पास रह रहे लोगों की संस्कृति, भाषा और जीवन शैली समान हैं। ऐसे में प्राधिकरण पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती सुनिश्चित कर सकता है। वह इन देशों के साथ राजनयिक संबंधों के अलावा लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
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