भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कोरेाना संक्रमित मरीजों के लिए होम आइसोलेट की व्यवस्था की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद राज्य सरकार ने भी होम आइसोलेट को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके तहत कम लक्षण या बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित को 10 दिन तक होम आइसोलेट में रहना होगा। इसके सात दिन बाद स्वनिगरानी में रहना होगा। आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल ने सभी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक तथा अध्यक्ष नर्सिंग होम एसोसिएशन को होम आइसोलेशन संबंधी दिशा-निर्देश का पालन करने के निर्देश दिये हैं। निर्देशानुसार लक्षण रहित/पूर्व रोग सूचक/अति मंद लक्षण वाले कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को घर पर सेल्फ आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था, जिसमें पृथक कक्ष एवं शौचालय की उपलब्धता होने पर, उसे होम आइसोलेशन का विकल्प दिया जा सकता है। कोविड संक्रमित व्यक्ति अति मंद, पूर्व रोग सूचक अथवा लक्षण रहित है या नहीं इसकी पुष्टि उपचार करने वाले चिकित्सक (न्यूनतम एमबीबीएस योग्यताधारी) द्वारा तय किया जायेगा। ऐसे संक्रमित व्यक्तियों के घर, सेल्फ आइसोलेशन एवं परिजनों के क्वारेंटाइन की पूर्ण सुविधा उपलब्ध होना अनिवार्य होगा।
गंभीर बीमारी वालों को जाना होगा कोविडसेंटर
रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी जैसे एचआईवी, ट्रांसप्लांट केस, कैंसर वाले रोगी होम आइसोलेशन के पात्र नहीं होंगे। कोविड-19 से संक्रमित 60 वर्ष से अधिक व्यक्ति तथा हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ह्रदय रोग, लंग्स, लीवर, किडनी आदि के रोगियों को होम आइसोलेशन का विकल्प उपचार करने वाले चिकित्सक के आंकलन के बाद ही निर्णय
लिया जायेगा।
तकलीफ होने पर तत्काल देनी होगी सूचना
सांस लेने में कठिनाई, निरंतर दर्द, छाती में दबाव, भारीपन, मानसिक भ्रम या सचेत होने में कठिनाई, होंठ, चेहरे का नीला पडऩा आदि लक्षण होने पर होम आइसोलेशन में रहने वाले कोविड -19 संक्रमित व्यक्ति तत्काल डीएसओ/ एसएमओ/ एमएमयूएमओ अथवा 104 पर चिकित्सीय सहायता के लिये सम्पर्क करना होगा।
24 घंटे निगरानी में रहेंगे मरीज
होम आइसोलेशन के दौरान कोविड-19 के संक्रमित व्यक्ति/रोगी के 24 घंटे देखभाल के लिये एक व्यक्ति उपलब्ध रहे तथा वह एमएमयू मेडिकल ऑफिसर/कोविड अस्पताल के साथ सम्पूर्ण होम आइसोलेशन की अवधि में सम्पर्क में रहे। इसके लिये एमएमयू मेडिकल ऑफिसर, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र, समर्पित कोविड चिकित्सालय का सम्पर्क नम्बर संक्रमित व्यक्ति को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जायेगा। कोविड संक्रमित व्यक्ति के देखभालकर्ता एवं निकट सम्पर्क व्यक्तियों को उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्यून टेबलेट का प्रोफाइलेक्टिक डोज पूर्ण सतर्कता बरतते हुए दिया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। देखभालकर्ता को आरोग्य एप तथा सार्थक एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। संक्रमित व्यक्ति द्वारा लक्षणों की स्व-निगरानी की जाना होगी। दैनिक स्वास्थ्य स्थिति से जिला सरविलेंस ऑफिसर, एमएमयू मेडिकल ऑफिसर अथवा 104 को अवगत कराना होगा। होम आइसोलेशन के विकल्प चुनने के लिये होम आइसोलेशन संबंधी वचन-पत्र संक्रमित व्यक्ति से भरवाया जायेगा।
संक्रमितों के लिए गाइडलाइन
कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति द्वारा सदैव ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग किया जाये एवं मास्क के भीगने/गंदा होने पर मास्क बदला जाये। मास्क को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट से विषाणुमुक्त करके ही निपटान किया जाये। कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति, घर के अन्य वृद्धजन, उच्च रक्तचाप, दिल/गुर्दे के रोग से ग्रस्त सदस्यों से दूर, अपने कक्ष में ही रहे। होम आईसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति द्वारा समुचित आराम किया जाये एवं पर्याप्त पेय पदार्थों व संतुलित आहार का सेवन किया जाये। खाँसते-छींकते समय मुँह को टिशू/रुमाल/तौलिया/दुपट्टा/गमछा आदि से ढांका जाये तथा हाथों को साबुन पानी से बार-बार धोया जाये। किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत वस्तुओं को अन्य सदस्यों के उपयोग के लिये साझा न किया जाये। औषधियों के सेवन के लिये चिकित्सीय परामर्श का अनुपालन किया जाये। कोविड-19 के लक्षणों के संबंध में स्वयं निगरानी की जाये व लक्षण उत्पन्न होने पर सार्थक एप पर प्रतिवेदन एवं नियत सर्वेलेंस चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सूचित किया जाये। सम्पर्क में आने वाले सतहों (टेबल/दरवाजे के हैण्डल/लाइट बटन/मोबाइल आदि) की विषाणुमुक्ति एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट से नियमित रूप से साफ किया जाये। संक्रमित व्यक्ति को समस्त निर्देशित औषधियाँ सेवन कराने का दायित्व देखभालकर्ता का होगा। देखभालकर्ता एवं अन्य सभी निकट सम्पर्कों द्वारा अपना दैनिक तापमान तथा अन्य कोविड लक्षण (बुखार, खाँसी, सांस लेने में कठिनाई) की निगरानी की जाना अनिवार्य है एवं दैनिक रूप से इसका प्रतिवेदन सार्थक एप पर किया जाये। कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर नियत सर्वेलेंस चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया जाए।
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