भोपाल। प्रदेश में अवध शराब के खिलाफ सतत अभियान चलाने में आबकारी विभाग अमले की कमी की वजह से नाकाम रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए आबकारी विभाग को प्रदेश के सभी जिलों के लिए 400 होमगार्ड जवानों की सेवाएं सौंपी जा रही हैं। जो अवैध शराब के खिलाफ अभियान में सहयोग करेंगे। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। मुरैना शराब कांड की जांच के बाद एसआईटी ने आबकारी में अमले की कमी को पूरा करने के लिए होमगार्ड जवानों की सेवाएं देने की सिफारिश की थी। जिस पर सरकार ने अमल किया है। हालांकि जिन जिलों में अवैध शराब से ज्यादा मौते हुई हैं, वहां होमगार्ड जवानों को को कम दिया गया है। होमगार्ड जवानों को सभी 52 जिलों में आबकारी अमले के साथ तैनात किया गया है। खास है कि मुरैना जिले में हाल ही में जहरीली शराब पीने से दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, वहां मात्र 4 जवान आबकारी विभाग को दिए गए हैं। आदेश के मुताबिक सबसे अधिक जवान भोपाल जिले को 31 दिए गए हैं, जबकि सबसे कम सिवनी और गुना जिले में मात्र 1-1 जवान की तैनानी की गई है। बड़े शहरों की बात करें तो आबकारी विभाग के मुख्यालय ग्वालियर और इंदौर में 25-25, जबलपुर में 20 और उज्जैन में 19 (संभागीय उडऩदस्ता के लिए 4) जवान दिए गए हैं। इस संबंध में जारी लिस्ट में उमरिया और रतलाम में 2-2 होमगार्ड जवान आबकारी विभाग की मदद करेंगे।
सतत चलेगा अभियान
मुरैना शराब कांड की जांच करने वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की थी, जिसके बाद गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में कलेक्टर-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि मुरैना जैसी घटना होती है, तो इसके लिए संभाग के कमिश्नर और आईजी भी जवाबदेह होंगे।
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