नई दिल्ली (New Delhi)। प्रत्येक वर्ष रंगोत्सव (carnival)का महान पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष (festival chaitra krishna paksha)प्रतिपदा को मनाई जाती है। व्रत के लिए पूर्णिमा (full moon)का मान 24 मार्च दिन रविवार को होगा । क्योंकि 24 मार्च को ही दिन में 9:23 पर पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी । जो 25 मार्च को दिन में 11:31 पर ही समाप्त भी हो जाएगी। ऐसे में पूर्णिमा तिथि 24 मार्च की रात में ही प्राप्त होगी । शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में भद्रा के अनुपस्थिति में किया जाता है। परंतु इस वर्ष मृत्युलोक की भद्रा 24 मार्च दिन रविवार को दिन में 9:23 बजे से आरंभ होकर रात में 10:28 बजे तक व्याप्त होगा। ऐसी स्थिति में होलिका दहन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च की रात में भद्रा समापन 10:28 के बाद से लेकर अगले दिन सूर्योदय पूर्व कभी भी होलिका दहन किया जाना श्रेष्ठ फल प्रदायक हो सकता है। स्नान दान के लिए पूर्णिमा तिथि एवं काशी में रंगों की होली का प्रसिद्ध पर्व 25 मार्च दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
शास्त्र के प्रमाण तथा परंपरा के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि में रंग की होली रंगोत्सव तथा धुरण्डी का पर्व तदनुसार 26 मार्च दिन मंगलवार को काशी के अन्यत्र सर्वत्र मनाया जाएगा । इसीलिए काशी को छोड़ कर समस्त भारत मे 26 मार्च दिन मंगलवार को रंगों का त्योहार मनाया जाएगा । इस दिन होलिका के भस्म को मस्तक पर स्पर्श करा कर आगामी संवत्सर की कुशलता की कामना की जाती है। यह पर्व अपने एवं पराए का भेद मिटा कर अभिमान को दूर कर , स्नेहा पूर्वक स्वच्छ मानसिक विचारों के साथ 26 मार्च को मनाया जाएगा।
इस तरह की स्थितियां कई बार भी बनी है तो उसका निर्णय यह होता है कि पूर्णिमा का मान अवश्य होना चाहिए पूर्णिमा बीत जाने पर अर्थात चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के आरंभ हो जाने पर होलिका दहन नहीं किया जाता है।
पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार राशियों के अनुसार रंग और अबीर-गुलाल खरीदने और लगाने से पर्व की शुभता में वृद्धि होती है।
राशि और रंग का भी विशेष संबंध होता है।
मेष : लाल और गुलाबी रंग।
वृष : पीला व हरा रंग।
मिथुन : हरा और पीला रंग।
कर्क : लाल और पीला रंग।
सिंह : लाल और गेरुआ रंग।
कन्या : हरा रंग का अबीर।
तुला : लाल, नीला और हरा रंग।
वृश्चिक :लाल और पीला रंग।
धनु : लाल और पीला रंग।
मकर: नीला और हरा रंग।
कुंभ: लाल रंग।
मीन : पीला और गेरुआ रंग।
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