बैतूल। आदिवासी बाहुल्य भीमपुर विकासखंड (Tribal majority Bhimpur development block) के दूरस्त अंचलों में बसे कुछ गांवों में जाने के लिए आसपास की नदियों (rivers) में पुल नहीं बनने से आज भी ग्रामीणों को मवेशियों की पूंछ पकड़कर या फिर ट्यूब में हवा भरकर नदी पार करना पड़ता है। मवेशियों की पूंछ (cattle tail) पकड़कर नदी पार करना इनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है, लेकिन कई बार इससे हादसे भी हो जाते है जिसमें लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। बुधवार दोपहर में भी बैल की पूंछ पकड़कर ताप्ती नदी पार कर रहा धामन्या का एक युवक पूंछ छूटने से ताप्ती नदी में बह गया। ग्रामीणों ने नदी में तलाश की तब लगभग आधा किलोमीटर दूर युवक का शव मिला। इस घटना के बाद एसडीएम, तहसीलदार भी गांव पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। भीमपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत उती का ग्राम गोरखीढाना चारों ओर नदियों से घिरा है। इस गांव से कही भी जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है। नदियों पर पुल नहीं होने से ग्रामवासी ट्यूब के सहारे या मवेशियों की पूंछ पकड़कर नदी पार करते है।
बुधवार दोपहर में ग्राम धामन्या निवासी सुखराम पिता काड़मा कास्देकर (38) अपने बैल लेकर ग्राम गोरखीढाना में अपने खेत में आया था। दोपहर लगभग तीन बजे सुखराम अपने बैलों को लेकर ग्राम धामन्या जा रहा था। इस दौरान ताप्ती नदी पार करने वह प्रतिदिन की तरह बैल की पूंछ पकड़कर नदी में उतर गया। लेकिन आधी नदी पार करने के बाद ही उसके हाथ से बैल की पूंछ छूट गई। जिससे वह ताप्ती नदी में बह गया। बैल निकलकर अपने घर पहुंच गए। जब सुखलाल बैल के साथ वापस नहीं आया तो परिजन उसकी तलाश में आए। ग्राम धामन्या के अरविंद कास्दे, मालू कास्दे, पवन, महादेव आदि ने ताप्ती नहीं में तलाश की। लगभग आधा किलोमीटर दूर सुखलाल शव नदी में फंसा मिला। ग्रामीणों ने शव निकालकर लाया। शव का पीएम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
ट्रैक्टर से नदी पार कर पहुंचे एसडीएम युवक के ताप्ती नदी में बहने के बाद बुधवार शाम को भैंसदेही एसडीएम, भीमपुर तहसीलदार, सीईओ, आरआई सहित अन्य राजस्व कर्मचारी ट्रेक्टर में सवार होकर नदी पार करके गांव गोरखीढाना पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों से चर्चा की भी ने एक स्वर में गांव में आने के लिए पुल बनाने की मांग की। इस दौरान ग्रामीणों ने अधिकारियों की उपस्थिति में पंचनामा बनाया। जिसमें गोरखीढाना एवं खुज्जुढाना पहुंचने के लिए गुपतवाड़ा नदी में रापटा बनाने की बात कही गई। पंचनामा पर ग्रामीणों ने हस्ताक्षर की है।