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तेल-तिलहनों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगेगी रोक, मोदी सरकार का यह है प्लान

April 05, 2022

नई दिल्ली। मोदी सरकार (Modi government) ने सोमवार को कहा कि खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों को रोकने और उनकी उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से तेल-तिलहनों(oilseeds) की जमाखोरी एवं कालाबाजारी रोकने के लिए उसने एक निगरानी अभियान शुरू किया है।देश खाद्य तेलों की अपनी लगभग 60 फीसद घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता(global political instability) के कारण पिछले कुछ महीनों में विभिन्न खाद्य तेलों की फुटकर कीमतों में भारी तेजी देखी गई है। केंद्र सरकार के विभिन्न उपायों के बावजूद कीमतों में तेजी बनी हुई है।

एक अप्रैल से निरीक्षण अभियान शुरू हो चुका है
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”सरकार ने कई उपाय किए हैं। हालिया कदम यह है कि हमने खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी और कालाबाजारी (hoarding and black marketing) पर अंकुश लगाने के लिए एक अप्रैल से निरीक्षण अभियान शुरू किया है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (State government) के अधिकारियों के साथ एक केंद्रीय टीम विभिन्न तिलहन और खाद्य तेल उत्पादक राज्यों में निरीक्षण कर रही है।



उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में शुरू हुई कार्रवाई
पांडेय के मुताबिक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र(Madhya Pradesh and Maharashtra) जैसे बड़े राज्यों को अब निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जाएगा। अन्य उपायों के बारे में सचिव ने कहा कि सरकार पहले ही खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती कर चुकी है, स्टॉक रखने की सीमा बढ़ा दी गई है और निजी व्यापारियों के माध्यम से आयात की सुविधा के अलावा बंदरगाहों पर जहाजों की शीघ्र निकासी सुनिश्चित की जा रही है।

इसके अलावा केंद्र सरकार, राज्यों के साथ नियमित बैठकें कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खुदरा विक्रेताओं द्वारा निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) का अनुपालन किया जा रहा है। सूरजमुखी के तेल के मामले में सचिव ने कहा कि रूस और यूक्रेन दो प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश हैं, और निजी व्यापारी अन्य देशों से खाद्य तेल खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जो बहुत कम मात्रा में होगा।

सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और पाम तेल की औसत खुदरा कीमतों में तेज उछाल
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और पाम तेल की औसत खुदरा कीमतों में तेज उछाल आया है।

इस साल एक जनवरी के 161.71 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में चार अप्रैल को सूरजमुखी तेल की औसत खुदरा कीमत 184.58 रुपये प्रति किलोग्राम है।

इसी तरह, सोयाबीन तेल का औसत खुदरा मूल्य 148.59 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 162.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जबकि पाम तेल का मूल्य इस दौरान 128.28 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 151.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। चार अप्रैल को मूंगफली के तेल की औसत कीमत 181.74 रुपये प्रति किलोग्राम है, लेकिन उक्त अवधि में सरसों तेल 2.78 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि के साथ 188.54 रुपये के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

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