3516 लोगों को लगवाना था.. 934 ने ही टीका लगवाया
इंदौर। लॉकडाउन के बाद से देशभर में टीके के लिए हायतौबा मची हुई थी… कोरोना वैक्सीन बनने के पल-प्रतिपल के समाचार जानने की उत्सुकता लोगों में रहती थी… लेकिन अब जब टीका आया है तो घबराहट इस कदर है कि अजीब-अजीब बहाने बनाकर लोग टीके से किनारा कर रहे हैं… कल सिर्फ 27 प्रतिशत ने ही टीका लगवाया। 3516 लोगों को लक्षित किया गया था, लेकिन सिर्फ 934 ने ही टीका लगवाया।
अजीब-अजीब बहाने बनाते हैं
कोरोना वैक्सीन लगवाने में वैसे तो प्रदेश के बड़े शहरों में इंदौर सबसे अव्वल रहा है, लेकिन फिर भी यहां कई डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स ऐसे हैं, जो वैक्सीन लगाने से अब भी डर रहे हैं और अजीब बहाने बना रहे हैं। टीकाकरण अभियान से जुड़े डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से सभी लोगों को सूचना दे दी जाती है। वे नहीं आते हैं तो उन्हें फोन लगाया जाता है तो कई लोग बहाने बनाने लगते हैं। कोई कहता है कि छुट्टी पर हूं, कई तो कहते हैं शहर के बाहर हूं, बाद में लगवाएंगे। वहीं कुछ तो अच्छी-भली तबीयत को खराब बताकर बहाना बना रहे हैं। कोई पारिवारिक कारण बता रहा है तो कोई बच्चों का हवाला दे रहा है। इसके कारण भी टीका लगवाने वालों का प्रतिशत शहर में घट रहा है।
ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे रहता है प्रतिकूल असर
उन्होंने बताया कि टीका लगवाने के बाद अभी तक किसी में भी गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिले हैं। टीका लगाने के 48 घंटे के अंदर बुखार आना, ठंड लगना जैसे सिम्टम्स दिखाई देते हैं। कुछ लोगों को तो किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। ऐसे में इस टीके से घबराने वाले कोई बात नहीं है।
लक्षित लोग नहीं लगवाएं तो आम लोगों को लगवा दें टीके
पॉजिटिव पाए मरीज को आतंकवादी की तरह उठाकर लाना… घर-भर को क्वारेंटाइन करना… इलाकों को सील कर देना… मरीजों को परिजनों से दूर रखने जैसी जितनी बेवकूफियां सरकार-प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान की थीं, वैसी ही नादानी टीकाकरण के दौरान की जा रही है… जब लक्षित लोग टीके नहीं लगवा रहे हैं तो बची वैक्सीन खराब करने के बजाय आम लोगों को टीका लगा देना चाहिए….
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