इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) की तीखी आलोचना करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) ने गुरुवार को कहा कि सेना को इतिहास में देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कुछ नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस्लामाबाद में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) (Pakistan Tehreek-e Insaf – PTI) के नेता ने सेना के लिए “तटस्थ” शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि सेना को तटस्थ रहने की अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और देश की खराब होती आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाना चाहिए।
सेना के लिए “तटस्थ” शब्द का इस्तेमाल
खान ने कहा, “मैं आज उन तटस्थ लोगों से पूछना चाहता हूं। क्या आपको पता है कि देश कहां जा रहा है? देश और अर्थव्यवस्था प्रगति कैसे कर सकते हैं जब आपको यह भी पता न हो कि अगले दो तीन महीने में क्या होगा।’’
खान ने कहा कि उनके सत्ता में आने से पहले, जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के बारे में बताती थी और उन्हें विश्वास होने लगा था कि इसे लेकर कार्रवाई होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह इशारा करते हुए कि देश में सेना के पास सबसे बड़ी शक्ति है, कहा कि अब मैं उनसे पूछता हूं कि आपने इन भ्रष्ट नेताओं को देश पर राज कैसे करने दिया? इसका मतलब है कि आप चोरी को बुरी चीज के रूप में नहीं देखते हैं, जब भ्रष्ट लोगों के बारे में आपको पता था, तो आपने उनका रास्ता क्यों नहीं रोका? उन्होंने कहा कि बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। आप कितनी ही बार खुद को तटस्थ कहें, देश के साथ आपने जो किया उसके लिए इतिहास आपको दोषी ठहराएगा।
एनएबी को लेकर किया बड़ा खुलासा
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह भी खुलासा किया कि जब वह देश के प्रधानमंत्री थे, तब भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संगठन राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) उनके नियंत्रण में नहीं था। इसमें कुछ ऐसे लोगों का हाथ था जो उनके द्वारा की जा रही कार्रवाई को दबाकर अपनी इच्छानुसार काम करता था। उन्होंने दावा किया कि अगर एनएबी मेरे नियंत्रण में होता, तो मैं उनसे (उनके प्रतिद्वंद्वी राजनेताओं) से 15 से 20 अरब रुपये वसूल कर लेता।
वर्तमान सरकार को कभी स्वीकार नहीं करेंगे: इमरान
खान ने कहा कि वह वर्तमान सरकार को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और अगर कोई अन्य विकल्प नहीं होगा, तो वह मौत को प्राथमिकता देंगे, क्योंकि उन्होंने सेना से राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए सही निर्णय लेने का आग्रह किया है, जो आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने पर्दे के पीछे किए गए फैसले की निंदा की और कहा कि सेना को 22 करोड़ लोगों, खासकर युवाओं के लिए निर्णय लेना चाहिए।
राजनीति से अयोग्य घोषित करने की साजिश का लगाया आरोप
खान ने उनकी पीटीआई पार्टी का समर्थन करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाने और उनकी नीतियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले न्यूज चैनल को बंद करने के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें राजनीति से अयोग्य घोषित करने की साजिश रची जा रही है।
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