मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महाकुंभ में भगदड़ से प्रदेश के 5 श्रद्धालुओं की मौत होने पर जताया द:ुख
4-4 लाख रुपए की सहायता राशि की मंजूर, विदेश यात्रा से आज दिल्ली लौटेंगे
इंदौर। मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) अपनी जापान यात्रा (Japan trip) का समापन कर आज दिल्ली लौट रहे हैं और वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई है, जिसमें यात्रा से जुड़े और भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) सहित अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। कल अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन मुख्यमंत्री ने क्योटो के विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर का भ्रमण किया और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों को किस तरह जापानी संस्कृति के तहत सहजने का प्रयास किया गया, उसे प्रशंसनीय बताया। मध्यप्रदेश के भी ऐतिहासिक स्थलों-धरोहरों, पर्यटन क्षेत्रों में इस जापानी तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
अभी प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के चलते कई मौतें हुईं, जिनमें 5 श्रद्धालु मध्यप्रदेश के भी शामिल हैं। लिहाजा जापान से ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिवगंतों को श्रद्धांजलि दी और भगवान महाकाल से दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिजनों को शक्ति-संबल प्रदान करने की प्रार्थना भी की। पूर्व में मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान से प्रदान की जाने वाली सहायता राशि पहले 2-2 लाख की थी, जिसे अब मुख्यमंत्री ने बढ़ाकर 4-4 लाख करने के निर्देश भी दिए। इधर, मुख्यमंत्री डॉ . मोहन यादव ने कल जापान के विश्व प्रसिद्ध किंकाकूजी (स्वर्ण मंदिर) का भ्रमण किया। पारंपरिक जापानी स्थापत्य और बौद्ध संस्कृति का प्रतीक यह मंदिर अपनी सोने की परतों से ढंकी भव्य संरचना और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर का अवलोकन किया और जापानी संस्कृति में इसकी ऐतिहासिक महत्ता को करीब से समझा। मुख्यमंत्री डॉ . यादव ने मंदिर के सामने स्थित क्योकाची तालाब के किनारे कुछ समय बिताया , जहां मंदिर की झलक पानी में प्रतिबिंबित होकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें सिर्फ स्थापत्य कला का उदाहरण नहीं होतीं , बल्कि वे एक सभ्यता की आत्मा को दर्शाती हैं। जापान ने अपनी संस्कृति को सहेजने का जो प्रयास किया है वह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जापान यात्रा सिर्फ सांस्कृतिक आदान- प्रदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने जापानी धरोहर संरक्षण, पर्यटन विकास और वास्तुकला के नवाचारों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भी अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है और जापान से इस दिशा में बहुत कुछ सीखा जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जापान यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाना है। भ्रमण के दौरान उन्होंने जापान की परंपरागत और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की नीति को भी सराहा। मुख्यमंत्री की जापान यात्रा में उनकी धर्मपत्नी सीमा यादव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन राघवेंद्रसिंह, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े और एमपीआईडीसी के राजेश राठौर साथ रहे।
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