• img-fluid

    ऐतिहासिक बजट जिसमे PM ने खुद मांगी थी माफी, जाने इसका कारण

  • February 01, 2022

    नई दिल्ली। हर साल लोगों को बजट से खास उम्मीदें रहती हैं। देश में हर साल 1 फरवरी को बजट पेश होता है। बजट (Budget) के अनुसार ही लोग अपने खर्चों को नियंत्रित करते हैं। सरकारें काफी तैयारी के साथ इसे तैयार करती हैं और उम्मीद की जाती है कि बजट से हर किसी को फायदा पहुंचे। लेकिन एक बार ऐसा हुआ था कि सरकार ने बजट को तैयारी के साथ तैयार नहीं किया था और इसके लिए प्रधानमंत्री (Prime minister) को माफी भी मांगनी पद गई थी।

    लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के निधन के बाद साल 1966 में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को बनाया गया था। उस समय मोरारजी देसाई (Morarji Desai) चाहते थे उन्हें PM बनाया जाए। लेकिन उन्हें पीएम नहीं बनाया गया और उप-प्रधानमंत्री पद के साथ वित्त मंत्रालय का कामकाज उनके जिम्मे सौंप दिया गया। लेकिन मोरारजी देसाई के भीतर प्रधानमंत्री न बन पाने की कसक हमेशा बनी रही। तब पार्टी के नेता दो खेमों में बंट गए। इस गुटबाजी को देखते हुए 12 नवंबर 1969 को इंदिरा गांधी ने सख्ती दिखाते हुए मोरारजी देसाई (Morarji Desai) को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। देसाई को पार्टी से बाहर करने के साथ इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का पोर्टफोलियो अपने ही पास रखा। ऐसे में बजट पेश करने की चुनौती सामने आ गई। लेकिन ऐसे में भी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) पीछे नहीं हटी और ऐसा बजट पेश किया, जिसकी चर्चा आज भी होती है। उसी बजट के दौरान पीएम ने सदन में माफी तक मांगी, हालांकि यह माफी एक वाक्य की शुरुआत थी लेकिन जब पीएम ने माफी की लाइन कही तो सदन में सन्नाटा छा गया।


    28 फरवरी 1970, को जब वित्त मंत्री इंदिरा गांधी सदन में खड़ी हुईं तो तालियां बजीं। भाषण के दौरान जब घोषणाओं की बारी आई तो इंदिरा गांधी बोलीं, ‘मुझे माफ करिएगा।’ यह लाइन सुनकर सदन में सन्नाटा छा गया। सन्नाटे को चीरते हुए इंदिरा मुस्कुराईं और दोहराया, ‘माफ करिएगा, मैं इस बार सिगरेट पीने वालों के जेब पर बोझ बढ़ाने वाली हूं।’ उस दौरान इंदिरा गांधी ने सिगरेट पर लगे 3% टैक्स को बढ़ाकर 22% कर दिया। सिगरेट पर एक बार में 633% टैक्स बढ़ गया। सदन में बैठे लोग मेज थपथपाने लगे।

    इंदिरा गांधी को आभास हुआ कि उनका यह फैसला सही है। उन्होंने कहा, ‘सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाने से सरकार को 13.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स मिलेगा।’ आमतौर पर आज के समय में अगर किसी चीज पर 2 पैसे का भी इजाफा हो जाए तो बड़ा विरोध होने लगता है। लेकिन उस दौर में ऐसा नहीं हुआ। हालांकि दबी कुचली आवाज में इंदिरा के इस फैसले का विरोध तो हुआ लेकिन वो ज्यादा दिन नहीं चला। क्योंकि उस वक्त सिगरेट पीने का शौक सिर्फ आमिर लोग ही करते है।

    Share:

    Union Budget: भारतीय नागरिकों को मिलेंगे E-Passports! जानिए क्या हैं ये और कैसे करेंगे काम

    Tue Feb 1 , 2022
    नई दिल्ली: हर साल की तरह इस साल भी देश की केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 का केन्द्रीय बजट प्रस्तुत किया है जिसमें कई सारे अहम फैसले और प्रण लिए गए हैं. बजट सत्र में मंत्री जी ने यह अनाउन्स किया कि जल्द ही भारत के नागरिकों को भी विदेश यात्रा करने […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved