उज्जैन। संपत्ति कर वसूलने में नगर निगम इस बार भी पीछे रहा है। इस साल सवा लाख से अधिक संपत्तिकर दाताओं में से लगभग 51 हजार से ही संपत्तिकर की वसूली हो पाई है। इसे बढ़ाने के लिए सोमवार से निगमायुक्त ने अधिकारियों और इंजीनियरों को बड़े बकायादारों से वसूली के काम में लगाया है। उल्लेखनीय है कि संपत्तिर में वृद्धि किए जाने तथा बड़े बकायेदारों से कर की वसूली किए जाने के उद्देश्य से निगम आयुक्त द्वारा पूरे वर्ष प्रयास किए जाते रहे। बावजूद इसके इस साल संपत्तिकर का आंकड़ा संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुँच पाया। इसके पीछे कारण यह है कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत 1 लाख 26 हजार से अधिक संपत्तियों का रिकार्ड दर्ज है, परंतु इस साल 25 मार्च तक नगर निगम लगभग 51 हजार संपत्तिकर दाताओं से ही वसूली कर पाया है।
इनसे भी नगर निगम को लगभग 27 करोड़ रुपए का संपत्तिर कर मिल पाया है। मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त होने में अब 2 दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में वसूली ज्यादा हो सके इसके लिए निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने समस्त अधिकारियों एवं इंजीनियरों को 5-5 बड़े बकायेदारों से कर की वसूली करने का लक्ष्य देते हुए फील्ड में भेज दिया है। इसके बाद अधिकारियों द्वारा करदाताओं से संपर्क कर बकाया कर जमा करने तथा 31 मार्च तक दी जा रही छूट का लाभ प्राप्त करने की जानकारी दी जा रही है। सोमवार को कार्यपालन यंत्री पीयुष भार्गव द्वारा होटल अजय से संपत्तिकर की बकाया 2.81 लाख रुपए वसूला। इसी प्रकार अन्य झोन अन्तर्गत भी निगम अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सम्पत्तीकर दाताओं से सम्पर्क कर बकाया सम्पत्ति कर जमा करने के लिए कहा गया।
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