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हिन्दुत्व, विकास एवं नेक इरादे भाजपा की चुनावी रणनीति

August 08, 2021

– अम्बरीश कुमार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल अब अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लग गये हैं और उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी रणनीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया है और अब यह तय है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मादी के नेतृत्व पर ही लड़ेगी। गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ, मिर्जापुर, विंध्याचल और वाराणसी दौरे में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के बाद यह भी तय हो गया है कि विकास और हिंदुत्व ही बीजेपी का नारा होने जा रहा है।

अभी हाल ही में दिल्ली में सांसदों का विचार मंथन हुआ था और उसमें एक पुस्तक वितरित की गयी थी। पुस्तक का शीर्षक है “इरादे नेक व काम अनेक”। इसके आधार पर यह पता चल रहा है कि भाजपा प्रदेश सरकार की खूबियों व सरकार की ओर से किये गये विकास के तमाम कामों को आधार बनाकर ही चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक दिवसीय यूपी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की और कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बीजेपी प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जनहित के कामों में यूपी सबसे आगे है और कोरोना महामारी के नियंत्रण में सबसे अच्छा काम यूपी सरकार ने ही किया है। यूपी में औद्योगिक निवेश, योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कानून व्यवस्था, किसानों की ऋण माफी, अनाज खरीद , शौचालय बनाने, आवास आवंटन, रसोई गैस कनेक्शन , बिजली कनेक्शन के क्षेत्र में रिकार्ड कायम हुआ है।

गृहमंत्री ने अपने दौरे में योगी सरकार की कानून व्यवस्था को सुपर हिट बताते हुए सपा -बसपा सरकार के 15 साल का जब हिसाब मांगा तो विपक्ष बौखला गया। यह सत्य है कि अयोध्या पर जिस दिन सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा था, उस दिन प्रदेश में छोटी या बड़ी किसी भी प्रकार की कोई आपराधिक घटना नहीं हुई। आज योगी सरकार में विकास का बोलबाला है। प्रदेश में एक्सप्रेस- वे का निर्माण हो रहा है तथा प्रदेश के सभी छोटे बड़े धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है।

2019 में योगी सरकार के प्रबंध कौशल की झलक दिखाई दी। प्रयागराज में अर्धकुंम्भ का आयोजन हुआ था। इसके पहले 2013 में यहीं पर पूर्ण कुम्भ का आयोजन किया गया था। हिंदुओं के पर्वों, धर्मस्थलों को हेय भाव से देखने की प्रवृत्ति कथित सेक्युलर लोगों की सदा से रही है। वर्ष 2013 में कुंभ के कर्ताधर्ता तत्कालीन मंत्री आजम खान थे। योगी ने सबसे पहले संगम के महानगर को मुगलकालीन शाप से मुक्त कराया और इसका नाम इलाहाबाद से प्रयागराज किया गया। तब 2013 और 2019 के कुम्भ आयोजन में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिला था। योगी सरकार में ही अयोध्या में भव्य दीपावली और मथुरा में भव्य होली का आयोजन संभव हुआ है। योगी सरकार में कांवड़ियों पर फूल बरसाये गये और किसी भी प्रकार की हिंसा व अराजकता देखने को नहीं मिली। कांवड़ यात्रा पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा के दृष्य बहुत ही रोमांचकारी थे। वह सब कुछ हिदू समाज अवश्य याद रखेगा।

अगर कोरोना रूपी यह महामारी न आयी होती तो आज उक्त दृष्यों का और विकास हुआ होता। यह तो बिल्कुल सत्य है कि आज योगी के शासन में ही हिंदुत्व की पूर्ण सुरक्षा और विकास हो रहा है। अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो या फिर मिर्जापुर के मां विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर का निर्माण, या फिर वाराणसी में काशी विश्वनाथ परिसर का विकास हो, योगी सरकार में हर जगह विकास के साथ हिंदुत्व की छाप दिखलायी पड़ रही है । अब उसका अगला चरण भी प्रारम्भ हो रहा है। अभी कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रुद्राक्ष का उद्घाटन किया था और बाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने ऐलान किया था कि मां गंगा की आरती का पूरे शहर में प्रसारण किया जायेगा। यह कुछ प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के ही अदभुत प्रयास हैं।

बीजेपी अब अपनी रणनीति को बहुत ही मजबूती और आक्रामक रणनीति के सहारे इस प्रकार से आगे बढ़ाने जा रही है कि विरोधी दलों को आलोचना का कोई अवसर ही नहीं मिल पाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 और आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। सामाजिक न्याय की दृष्टि से यह एक बहुत बड़ा कदम है । केंद्र सरकार के इस कदम के बाद प्रदेश के विरोधी दलों में हाहाकर मचा हुआ है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया किया जाये। हालांकि विरोधी दलों ने इस पर भी केंद्र् सरकार और बीजेपी पर तंज कसे और कहा कि अब इसका लाभ बीजेपी को नहीं मिलने जा रहा है। सच्चाई यह है कि ओबीसी समाज की यह एक बहुत पुरानी मांग थी, जिसे सरकार ने अब पूरा किया है। सरकार ने मेडिकल कोटे में आरक्षण का ऐलान करके ओबीसी समाज को संदेश दे दिया है और दस फीसदी आरक्षण के सहारे बीजेपी ने गरीब सवर्णों को भी साधने का प्रयास किया है। यह एक बहुत ही चालाकी भरा फैसला है बीजेपी को अच्छी तरह से पता है कि उप्र, उत्तराखंड व पंजाब में पिछड़े समाज के लोग अच्छी संख्या में रहते हैं। इनमें विशेषकर उप्र में 42 प्रतिशत ओबीसी समाज का मतदाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी सांसदों से 15 अगस्त के बाद से जनभागीदारी आशीर्वाद यात्रा निकालने और सरकारी कामकाज के प्रचार पर बल देने की बात कही है। उन्होंने अपने सांसदों से गांवो में जाकर वहां पर 75 घंटे बिताने और कांग्रेस व विरोधी दलों को बेनकाब करने का निर्देश भी जारी किया है।

अभी भाजपा के तरकश में कई तीर हैं, जिन पर काफी मंथन हुआ है और वे धीरे- धीरे बाहर आते जायेंगे। भारतीय जनता पार्टी अभी युवाओं और महिला शक्ति को भी अपने पाले में लाने के लिए कई बड़े ऐलान करके उनको अपनी ओर आकर्षित करने जा रही है। विधान मंडल सत्र में योगी सरकार अपनी अधूरी योजनाओं को आगे बढ़ाने व पूरा कराने के लिए खजाना खोलने जा रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी व मेट्रो परियोजनाएं हैं। प्रदेश सरकार का यह अनुपूरक बजट होगा। सरकार किसानों को आकर्षित करने के लिए भी कई नई योजनाएं ला रही है। एक प्रकार से देखा जाये तो अब बीजेपी भी पूरी तरह से आक्रामक रणनीति के साथ चुनावी मोड में आ गयी है। अब हर महीने कहीं न कहीं उद्घाटन ,शिलान्यास, लोकार्पण और भूमि पूजन जैसे समारोह होते रहेंगे। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जनहित में कुछ ऐसे कदम उठाये जायेंगे, जिनका चुनावी राजनीति में गंभीर असर दिखलायी पड़ेगा। बीजेपी सरकारों के अब जो भी फैसले होंगे, उनमें हिंदुत्व की छाप होगी, जनसेवा, जनता के प्रति समर्पण का भाव होगा तथा साथ ही सामाजिक न्याय का विस्तार होगा और सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की छाया होगी। बीजेपी की रणनीति सामाजिक समानता पर आधारित होगी।

(लेखक हिन्दुस्थान समाचार से सम्बद्ध हैं)

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