
इंदौर। अंतत: अग्रिबाण (Agniban) की तथ्यात्मक खबर पर ही एक बार फिर मोहर लगी और इंदौर (Indore) के अति महत्वपूर्ण मेट्रो (Metro) प्रोजेक्ट का अंडरग्राउंड (underground) रुट नहीं बदला गया और पूर्व में जो मेट्रो कॉर्पोरेशन ने रुट निर्धारित किया था उसी पर बुलाए टेंडर खोले गए, जिसमें हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन (Hindustan Construction) कम्पनी लिमिटेड और टाटा प्रोजेक्ट (Tata Project) लिमिटेड के जॉइंट वेंचर ने बाजी मारी और उनका सबसे कम दर का 2191 करोड़ का टेंडर ही मंजूरी के लिए मान्य किया गया। इस दौड़ में लॉर्सन एंड ट्रूबो, जे. कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट और गुलमर्ग एजीरसान्यायी इंसाट नामक कम्पनियां भी शामिल थी। अब एमजी रोड तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा और फिर हाईकोर्ट के पहले से जमीन में उतरते हुए अंडरग्राउंड मेट्रो राजवाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए एयरपोर्ट तक जाएगी।
बीते 8 माह से मेट्रो के अंडरग्राउंड रुट को लेकर हलचल चलती रही और इंदौर के मीडिया ने भी यह भ्रामक समाचार प्रकाशित किया कि अंडरग्राउंड रुट शासन ने बदल दिया है, क्योंकि विभागीय मंत्री द्वारा इंदौर में बुलाई गई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने भी एमजी रोड से अंडरग्राउंड करने की बजाय मेट्रो को खजराना या बंगाली चौराहा से अंडरग्राउंड करने की मांग की थी, लेकिन अग्रिबाण ही एकमात्र ऐसा समाचार-पत्र रहा, जिसने तथ्यों के साथ यह उजागर किया कि अंडरग्राउंड रुट में परिवर्तन इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि केन्द्र सरकार ने इसकी मंजूरी दी है और एशियन विकास बैंक ने उसी आधार पर लोन भी स्वीकृत किया है और इतना ही नहीं, केन्द्र शासन ने जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया उसमें भी एलिवेटेड के साथ मेट्रो का अंडरग्राउंड रुट पुराना ही दर्शाया गया। महीनों की ऊहापोह के बाद आखिरकार मेट्रो कॉर्पोरेशन ने अभी अंडरग्राउंड रुट के प्राप्त टेंडरों को खोला, जिसमें पुराने रुट पर आए टेंडर ही मिले हैं, जिसे अब जल्द ही मंजूरी दी जाएगी, क्योंकि वैसे भी मेट्रो प्रोजेक्ट में इसके चलते काफी विलंब हो गया है। गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, वहां से विजय नगर होते हुए रेडिसन होटल और रोबोट चौराहा तक निर्माण वर्तमान में चल रहा है, जिसमें 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर अगले कुछ समय में व्यवसायिक संचालन भी शुरू किया जाना है। दूसरी तरफ एयरपोर्ट से लेकर गांधी नगर का जो हिस्सा है, वह चूंकि अंडरग्राउंड है और टेंडर ना खुलने के चलते निर्माण शुरू नहीं हो सका। अब टेंडर मंजूरी के साथ ही एयरपोर्ट से लेकर गांधी नगर वाला अंडरग्राउंड वाला हिस्सा तैयार किया जाएगा। ताकि अभी पहले चरण में एयरपोर्ट से लेकर विजय नगर तक मेट्रो का व्यवसायिक संचालन शुरू किया जा सके, क्योंकि उसके बाद के एलिवेटेड और अंडरग्राउंड रुट को तैयार करने में अभी कम से कम 4 साल का समय लगेगा। अभी जो टेंडर मेट्रो कॉर्पोरेशन ने खोले हैं उसके मुताबिक एमजी रोड से मेट्रो जमीन में उतरेगी और हाईकोर्ट परिसर से अंडरग्राउंड खुदाई का काम शुरू होगा और राजवाड़ा, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर होते हुए एयरपोर्ट तक साढ़े 8 किलोमीटर का अंडरग्राउंड रुट तैयार किया जाएगा।
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