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    हिन्दुत्व -हिन्दुत्व सब करें… हिन्दुत्व समझे न कोय जो ठाकरे हिन्दुत्व को समझे तो उद्धव क्यों रोए

  • February 24, 2023


    अगर यह सच है बाप का नाम बेटे डुबाते हैं… विरासत की हिफाजत नहीं कर पाते हैं… पाते ही आसमान में उडऩे लग जाते हैं तो उससे बड़ा यह सच भी है कि कई बाप भी पुत्र मोह में बेटों की बर्बादी में शामिल हो जाते हैं… पुत्र मोह में पिता अपने बेटों को ना अनुभव की तपन दिखाते हैं ना संघर्ष की राह बताते हैं ना अच्छा बुरा समझाते हैं और ना ही धैर्य, विवेक सहनशीलता का संस्कार दे पाते हैं… हांसिल करने की हसरतों में इस कदर डूब जाते हैं कि पुत्र की क्षमता से ज्यादा बोझ उन पर लाद डालते हैं… यही किया बाला साहेब ठाकरे ने… उद्धव राजनीति में पारंगत होना तो दूर प्राथमिक शाला में भी दाखिल नहीं हुए थे… बाला साहेब ने ज्ञान दिया अपने भाई के बेटे राज ठाकरे को और सत्ता थमा दी उद्धव को… पुत्र मोह की यह गलती तब दुगुनी हो गई जब राज को जोड़े रखने और उसे उद्धव का सहारा बनाने तक की कोशिश नहीं की गई… उल्टा बाला साहेब ने अपने जीते जी उस राज को मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिसने उन्हें बनाया… वक्त ने भी अपना बदला दिखाया और उद्धव की केवल एक गलती ने उसे सडक़ का रास्ता दिखाया… बाला साहेब हिन्दुत्व का नारा तो लगाते थे… हिन्दुओं की एकजुटता के लिए चीखते-चिल्लाते थे लेकिन हिन्दुत्व का असली अर्थ ही नहीं जानते थे… हिन्दुत्व यानी…परिवार की एकता… हिन्दुत्व यानी संस्कार और किसी का हक नहीं छीनने की संस्कृति… हिन्दुत्व यानी राम का भरत के लिए राज-पाट का त्याग और भरत का राम की खडाऊ पर राज… हिन्दुत्व यानी प्रजा के विश्वास के लिए भगवान राम का पत्नी त्याग और पति के मान के लिए सीता की अग्नि परीक्षा… हिन्दुत्व यानी हनुमानजी की रामजी के प्रति अनन्य भक्ति और रावण से लडऩे की शक्ति… ऐसे विराट हिन्दुत्व की संस्कृति के नाम पर हासिल सत्ता का हक अपने भाई के बेटे से छीनने वाले बाला साहेब से ही जब हिन्दुत्व नहीं बचा तो उनके बेटे का गैर हिन्दूवादी दल से हाथ मिलाने पर आश्चर्य कैसा… जो करता है वह भरता है… फिर वो सतयुग हो या कलयुग… सतयुग में अहंकार की एक छोटी सी भूल रावण जैसे तपस्वी का विनाश कर डालती है तो कलयुग में तो तबाही इंसान को संभलने का कई मौका देती हैं… इसीलिए वक्त का प्रहार वसीयत का विनाश करने पर आमादा हो जाता है… पिता की गलतियों की सजा पुत्र पाता है… फिर वो उद्धव हो या उनका पुत्र आदित्य… इसीलिए बाला साहेब जरूर बने लेकिन पुत्र को क्षमतावान बनाएं… जमीन दिखाएं… दौलत और शोहरत का उतना ही बोझ उसके कांधों पर लादें जितना वो संभाल पाए… वरना दौलत को कांधे से सर पर चढ़ते और शोहरत को धूल में मिलने में देरी नहीं लगेगी…

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    114 अवैध कॉलोनियां प्राधिकरण योजना में शामिल होने से नियमितीकरण से बाहर

    Fri Feb 24 , 2023
    सर्वाधिक 40 खजराना गांव में, तो छोटा बांगड़दा में भी 26, पुष्प विहार, अयोध्यापुरी, चिकित्सक नगर सहित कई चर्चित कॉलोनियां भी इस सूची में शामिल इंदौर।  एक तरफ शहरी (Urban) और ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area) की अवैध कॉलोनियों (Colonies) को वैध (Legal) करने को की प्रक्रिया चल रही है, तो दूसरी तरफ लगभग 114 ऐसी […]
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