पेशावर (Peshawar) । पाकिस्तान (Pakistan) में हमेशा से हिंदू मंदिरों और तीर्थ स्थलों (Hindu temples and pilgrimage sites) को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला महाभारत काल (Mahabharata period) से जुड़े पंज तीरथ (Panj Tirath) का है। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber-Pakhtunkhwa Province) की राजधानी पेशावर में कभी पंज तीरथ हिंदू तीर्थ स्थल था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल गोदाम के तौर पर हो रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार यह तीर्थ स्थल राजा पांडु के पांच पुत्रों व पांडव शिष्यों से जुड़ा है। 1,000 वर्षों तक इसका इस्तेमाल हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में होता रहा, लेकिन बंटवारे के बाद यहां सिर्फ दो जीर्ण-शीर्ण मंदिर बच गए। यह क्षेत्र स्थानीय सरकार के हाध से निकलकर चाका यूनुस फैमिली पार्क का संचालन करने वाली एक निजी कंपनी को बेच दिया गया।
पंज तीरथ में पानी के पांच तालाब और एक बड़ा व अन्य छोटे मंदिर थे। हिंदू समुदाय के लोग कार्तिक माह में इन तालाबों में स्नान करने आते थे और दो दिनों तक इन पेड़ों के नीचे पूजा-अर्चना करते थे।
पुरातत्वविदों का कहना है कि जब उन्होंने पंज तीरथ साइट तक पहुंचने की कोशिश की, तो उन्हें हथियारबंद लोगों ने डरा-धमकाकर भगा दिया। 10 फरवरी को, पेशावर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई कि तीन साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी इस मुद्दे को हल नहीं किया गया है।
यह मामला इस बात का सबूत है कि हिंदू धर्म की ऐतिहासिक विरासतों को पाकिस्तान में अवैध कब्जे के तहत रखा गया है, और उन्हें उनके पूजा के अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। अदालत में इस मुद्दे पर सुनवाई अभी भी जारी है।
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