नई दिल्ली। आज से हिंदू नववर्ष (Hindu New year 2025) यानी विक्रम संवत 2082 (Vikram Samvat 2082) शुरू हो रहा है। विक्रम संवत (Vikram Samvat) भारतीय संस्कृति (Indian culture) में बहुत महत्वपूर्ण है और हिंदू धर्म के त्योहारों एवं शुभ कार्यों की तिथियों का निर्धारण इसी आधार पर होता है। विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है। विक्रम संवत में वर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है। विक्रम संवत ही हमारा राष्ट्रीय संवत कहलाता है जो शुद्ध और वैज्ञानिक है। यह हमारी अस्मिता और स्वाधीनता के अनुरक्षण तथा शत्रुओं पर विजय का प्रतीक भी है। इसी संवत के अनुसार हमारे सभी धार्मिक अनुष्ठान, तीज त्यौहार जैसे – नवरात्र, राम नवमी, महावीर जयंती, हनुमान जन्मोत्सव, विजय दशमी, दीपावली, होली आदि मनाए जाते हैं।
विक्रम संवत तर्क संगत और वैज्ञानिक भी है। दिन, सप्ताह और महीने का हिसाब सूर्य की गति पर निर्भर है और नक्षत्र, तिथि, पक्ष, अयन चन्द्रमा की गति पर निर्भर है। बारह राशियां ही बारह सौर मास हैं। पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है प्राय: उसी नक्षत्र के आधार पर महीनों का नामकरण हुआ है। विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में हुई थी, ऐसा माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के बाद इसकी शुरुआत की थी।
हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।
विक्रम संवत 2082 का नाम- इस बार का संवत्सर 2082 होगा और इसका नाम सिद्धार्थी संवत होगा।
वाहन- घोड़ा
सूर्य होंगे राजा और मंत्री- विक्रम संवत 2082 में ग्रह मंडल के अधिष्ठाता भगवान सूर्य राजा और मंत्री का पद संभालेंगे।
विक्रम संवत 2082 कैसा रहेगा- विक्रमी संवत 2082 को आर्थिक विकास के लिए अच्छा बताया जा रहा है। लेकिन कुछ चुनौतियां भी रहेंगी। खासकर मौसम को लेकर। इस साल ग्रहों की भी चाल बदलेगी। शनि की चाल तो 29 मार्च से ही बदल रही है। इसके अतिरिक्त गुरु, राहु और केतु की भी स्थिति बदलेगी।
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