नई दिल्ली। पाकिस्तान के क्रिकेटर उमर अकमल का प्रतिबंध 18 महीने तक कम हो जाने के बाद, पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि जीरो टॉलरेंस पॉलिसी केवल उन्हीं पर लागू होती है।
कनेरिया ने ट्वीट किया, “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी सिर्फ दानिश कनेरिया पर ही लागू है दूसरों पर नहीं। क्या मुझे कोई बता सकता है कि मुझे पूरी जिंदगी के लिए बैन कर दिया गया, लेकिन दूसरों को नहीं। क्या पॉलिसी सिर्फ कास्ट के आधार पर लागू किया जाता है। मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है और यही मेरा बैकग्राउंड और मेरा धर्म है।”
इससे पहले बुधवार को, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, फकीर मोहम्मद खोखर द्वारा अकमल के तीन साल के निलंबन को 18 महीने तक कम कर दिया गया था।
27 अप्रैल को, अनुशासन पैनल के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) फजल-ए-मीरान चौहान ने दो अलग-अलग घटनाओं में पीसीबी के भ्रष्टाचार-निरोधी संहिता को भंग करने का दोषी पाते हुए विकेटकीपर-बल्लेबाज को तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
अकमल ने 19 मई को, अपने पर लगाए गए तीन साल के प्रतिबंध को कम करने के लिए अपील दायर की थी।
उन्होंने कहा, “मैं अपने वकीलों को ठीक से सुनने के लिए जज का शुक्रगुजार हूं। मैं बाकी सजा और कम करने की कोशिश करूंगा। फिलहाल मैं संतुष्ट नहीं हूं और अपने वकीलों और परिवार से सलाह लूंगा कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए।”
उन्होंने कहा, “मुझसे पहले कई खिलाड़ी थे, जिन्होंने गलतियां कीं और उन्होंने जो कुछ पाया और जो मुझे मिला, उसे देखो। इसलिए मैं अभी केवल धन्यवाद कहना चाहूंगा।”
दूसरी ओर, इंग्लिश क्लब एसेक्स के लिए खेलते समय कनेरिया को स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था और उन्हें इस खेल से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
इस महीने की शुरुआत में ‘कनेरिया ने पीसीबी से अपील की थी कि उन्हें घरेलू क्रिकेट में खेलने की अनुमति दी जाए। जिसपर पाकिस्तान के क्रिकेट शासी निकाय ने उन्हें इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से संपर्क करने की सलाह दी थी। (एजेंसी, हि.स.)
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