नई दिल्ली: यमुना (Yamuna) के बाद अब हिंडन नदी उफान पर (Hindon river in spate) है. इसकी वजह से दिल्ली (Delhi) के आसपास वाले इलाके जैसे गाजियाबाद और नोएडा (Ghaziabad and Noida) के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इस बीच ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से एक वीडियो सामने आया है. इसमें एक खाली जगह में खड़ी सैकड़ों गाड़ियां डूब गई हैं. अब निचले इलाकों को खाली करवाया जा रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो ग्रेटर नोएडा के सुत्याना गांव का है. यहां ईकोटेक 3 स्टेशन के आसपास वाले इलाके में हिंडन का पानी आ गया, इसकी वजह से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस पानी में 300 से ज्यादा गाड़ियां डूब गईं, इनके अंदर भी पानी भर गया. खड़ी हुई ये गाड़ियां कैब सर्विस में लगी हुई हैं. ये गाड़ियां पांच फीट पानी में डूब गई हैं.
नोएडा में निचले इलाकों के घरों में पानी भी भर गया है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) सुरेश राव कुलकर्णी ने बताया था कि ईकोटेक के साथ-साथ छिजारसी के निचले इलाकों में भी पानी है. यहां से निकाले गए लोगों को आसपास के स्कूलों में रोका गया है. यहां उनके लिए हर संभव इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि हिंडन यमुना की एक सहायक नदी है. हिंडन में आई बाढ़ की वजह से खतरा सिर्फ नोएडा को नहीं है. बल्कि गाजियाबाद भी इसकी जद में है. हिंडन नदी में आई बाढ़ से पर्यावरण सेतु को खतरा बताया गया है. लोहे से निर्मित पर्यावरण सेतु सिटी फारेस्ट में जाने के लिए बनाया गया है. पुल के पास ज्यादा जलकुंभी रुक जाने से इस पुल पर दबाव बढ़ गया है. जीडीए ने पुल के बह जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने की आशंका जाहिर की है.
जीडीए ने इसके लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि तत्काल जलकुंभी हटाकर पर्यावरण सेतु को सुरक्षित किया जाना चाहिए. हिंडन नदी के बारे में कहा जा रहा है कि वह 40 साल बाद इतने उफान पर है. 1978 में पहले हिंडन में इतना पानी आया था. हिंडन के बढ़े जलस्तर की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान गाजियाबाद के करहेड़ा गांव में हुआ है. यहां कई कॉलोनियों में पानी भर गया है.
हिंडन नदी में अभी पानी 200 मीटर के आसपास बह रहा है. इसकी वजह से निचले इलाकों पर लोगों की आवाजाही भी रोक दी गई है. इसका खतरे का निशान 205 मीटर पर है. हिंडन से पहले यमुना नदी में आई हुई बाढ़ की वजह से दिल्ली की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं. यहां 550 हेक्टेयर का निचला इलाका पानी में डूब गया. इसकी वजह से हजारों लोग बेघर हुए और साथ ही जानवरों के रहने का ठिकाना भी छिन गया. यमुना का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान के नीचे है लेकिन कई इलाकों से पानी अभी नहीं उतरा है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में हुई भारी बारिश की वजह से यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है. हिमाचल में 27 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी है.
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