नई दिल्ली। भारत (India) में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (national hindi day) मनाया जाता है। हिंदी दिवस हमारी अपनी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा और राजभाषा के प्रति निष्ठा, वचनबद्धता, ममत्व लगाव और भावनात्मक जुड़ाव प्रकट करने का अवसर है । यह हिंदी के प्रचार-प्रसार, विकास और विस्तार के लिए संकल्प लेने का दिवस भी है ।
आपको बता दें कि 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। उसी के मद्देनजर इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी भारत के अधिकतर नागरिकों की मातृभाषा है। हिंदी भारत की पहचान है, जो दुनियाभर में बसे हिंदी भाषी लोगों को एकजुट करती है, किन्तु पिछले कुछ वर्षों में अंग्रेजी भाषा का चलन और लोकप्रियता बढ़ी है। भारत में लोग हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी भाषा बोलना पसंद करने लगे हैं।
वहीं हिंदी के प्रचार प्रसार और लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करने के लिए हिंदी दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। हिंदी भारत की राजभाषा है लेकिन केवल भारत में ही नहीं, दुनिया के कई अन्य देशों में भी हिंदी गर्व से बोली जाती है। हिंदी दिवस के मौके पर उन विदेशी जगहों के बारे में जानें, जहां जाने पर आपको भाषा की समस्या नहीं होगी। दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां गर्व से हिंदी भाषा बोली जाती है। जानिए भारत के अलावा हिंदी भाषी देशों के बारे में।
मॉरीशस- घूमने के लिए भारत से हर साल पर्यटन मॉरीशस जाते हैं। अगर मॉरीशस की भाषा पर नजर डालें तो एक तिहाई लोग यहां हिंदी भाषा बोलते हैं। अंग्रेजी और फ्रेंच मॉरीशस में संसद की आधिकारिक भाषा हैं। अधिकांश मॉरीशस के लोग मूल भाषा के रूप में क्रियोल बोलते हैं।
नेपाल- पड़ोसी देश नेपाल दूसरा सबसे बड़ा समूह है, जहां हिंदी भाषी लोग मिल जाएंगे। नेपाल में आठ मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं। हालांकि बड़ी आबादी के हिंदी बोलने के बाद भी नेपाल में आधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी को मान्यता नहीं मिली है। लेकिन साल 2016 में नेपाली सांसदों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के तौर पर शामिल करने की मांग जरूर उठाई थी।
फिजी में भी हिंदी भाषा का चलन है। यहां भारतीय मजदूरों के आने के बाद से हिंदी का चलन बढ़ा। दरअसल, फिजी में उत्तर पूर्वी भारत से लोग आए हैं जो अवधी, भोजपुरी और मगही बोलते हैं। इसके अलावा उर्दू भी भाषा से जुड़ी होती है। इस सभी भाषाओं को मिलाकर एक नई भाषा का निर्माण हुआ, जिसे फिजी बाट कहा जाने लगा।
उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। उसी के मद्देनजर इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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