नई दिल्ली: अडानी समूह का संकट समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी समूह (Adani Group) के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की, इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयर प्राइस औंधे मुंह गिरने लगे. अब जब इस रिपोर्ट को आए करीब एक महीना हो चुका है, तब अडानी समूह का मार्केट कैपिटलाइजेशन (MCap) करीब 12 लाख करोड़ रुपये नीचे आ चुका है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर उसकी कंपनियों के शेयर प्राइस को मैन्युपुलेट करके काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और अकाउंटिंग फ्रॉड करने को लेकर आरोप लगाए हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद से समूह की साख को बड़ा बट्टा लगा है.
19 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप
अडानी समूह का टोटल मार्केट कैपिटलाइजेशन 24 जनवरी को 19 लाख करोड़ रुपये था. ये मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और रतन टाटा (Ratan Tata) की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के मार्केट कैपिटलाइजेशन से भी अधिक था.
अडानी समूह की हर कंपनी का शेयर उस वक्त ‘चढ़ते सूरज’ की तरह चमक रहा था और हर कोई उसे लाभ कमाने की चाहत रख रहा था. फिर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई और ये कमाल हो गया.
इस हफ्ते भी टूटे अडानी के शेयर्स
शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में भी अडानी समूह के शेयर्स टूटकर बंद हुए. समूह की लगभग सभी लिस्टेड कंपनियों का शेयर टूटकर बंद हुआ. शुक्रवार कारोबार के अंत में बीएसई पर अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में 5 प्रतिशत, अडानी ग्रीन एनर्जी में 5 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 5 प्रतिशत और अडानी एंटरप्राइजेज में 4.98 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
अडानी पावर के शेयर में 4.98 प्रतिशत, अडानी विल्मर के शेयरों में 3.35 प्रतिशत और एनडीटीवी के शेयरों में 4.05 प्रतिशत की गिरावट आई. हालांकि, अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 2.45 फीसदी, अडानी पोर्ट्स का 1.24 फीसदी और एसीसी का शेयर 0.03 फीसदी चढ़कर बंद हुआ. समूह की 10 लिस्टेड कंपनियों में से 8 कंपनियों के शेयर बृहस्पतिवार को घाटे में बंद हुए थे.
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