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Hindenburg Report: बुच दंपति ने दी सफाई, बोले- SEBI जॉइन करने से 2 साल पहले किया था निवेश

August 12, 2024

नई दिल्ली। सेवी (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Chairperson Madhabi Puri Buch.) और उनके पति धवल बुच (Husband Dhaval Butch.) ने रविवार को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग (American short seller Hindenburg) की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए एक विस्तृत बयान जारी किया. हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप (Adani Group) और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी. बुच दंपति ने कहा कि फंड में उनका निवेश माधबी के सेबी में शामिल होने से दो साल पहले किया गया था।


बयान में, बुच दंपति ने कहा कि उन्होंने 2015 में 360 वन एसेट एंड वेल्थ मैनेजमेंट (जो पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट थी) द्वारा प्रबंधित आईपीई प्लस फंड 1 में निवेश किया था. यह निवेश उनकी तरफ से माधबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में SEBI जॉइन करने से दो साल पहले तब किया गया था जब दोनों निजी नागरिक के रूप में सिंगापुर में रहते थे।

बयान के अनुसार, इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा स्कूल और आईआईटी दिल्ली से धवल के बचपन के दोस्त हैं और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3i ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी के रूप में उनके पास कई दशकों का मजबूत निवेश करियर था।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह-सुबह जारी एक बयान में कहा कि 10 अगस्त को आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और इनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है. हमें जो भी खुलासे करने की जरूरत थी, वो सारी जानकारियां बीते सालों में सेबी को दी गई हैं।

SEBI ने भी जारी किया बयान
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर SEBI ने भी बयान जारी किया है. SEBI ने कहा, ‘रिपोर्ट में अन्य बातों के अलावा दावा किया गया है कि SEBI ने अडानी समूह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. यह 27 जून, 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस जारी करने की SEBI की कार्रवाई पर सवाल उठाता है. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की SEBI ने विधिवत जांच की है।

SEBI ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी, 2024 के अपने आदेश में कहा कि SEBI ने अडानी ग्रुप की 24 में से 22 जांचें पूरी कर ली हैं. इसके बाद, मार्च 2024 में एक और जांच पूरी हुई और एक शेष जांच पूरी होने के करीब है. इस मामले में चल रही जांच के दौरान जानकारी मांगने के लिए 100 से ज्यादा समन, करीब 1100 पत्र और ईमेल जारी किए जा चुके हैं. साथ ही करीब 12,000 पन्नों वाले 300 से ज्यादा दस्तावेजों की जांच की गई है।

Hindenburg ने क्या आरोप लगाए?
Hindenburg की ओर से शनिवार को जारी की गई रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से खुलासा होता है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला. इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है।

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