नई दिल्ली (New Delhi)। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) के बाद गौतम अडानी समूह (Gautam Adani Group) अब स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है। अडानी समूह की अलग-अलग कंपनियों ने अपनी दिसंबर तिमाही के नतीजे (December quarter results) जारी करते हुए बताया है कि ग्रुप का मैनेजमेंट एक स्वतंत्र मूल्यांकन (independent evaluation) पर विचार कर रहा है। यह मूल्यांकन ग्रुप की गतिविधियां, लेनदेन समेत अन्य मुद्दों पर गौर करने के लिए है।
दरअसल, रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में शेयरों की हेरफेर समेत अकाउंटिंग फ्रॉड जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद से गौतम अडानी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह से भारतीय बैंकों के समूह को दिए गए कर्ज को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है।
हालांकि, दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों की तरफ से दिया गया कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो। इसके साथ ही दोनों रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बैंकों को असाधारण सरकारी समर्थन मिलने की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए बैंक रेटिंग निर्धारित की जाती हैं।
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