शिमला। श्रावण अष्टमी नवरात्रि (Shravan Ashtami Navratri) के मौके पर बाहरी राज्यों से प्रदेश के मंदिरों में दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं (devotees) को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट (RTPCR negative report) लेकर ही प्रवेश मिलेगा। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के मद्देनजर राज्य आपदा प्रबंधन ने यह बंदिशें लागू कर दी हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ द्वारा जारी लागू ताजा बंदिशें नौ से 17 अगस्त तक अमल में रहेंगी। आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट भी 72 घंटे पहले की होनी चाहिए।
आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के साथ-साथ मंदिरों में प्रवेश के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा। अर्थात मंदिरों में नो मास्क नो सर्विस का मानक लागू रहेगा। मंदिर में दर्शन के दौरान मास्क न पहनने वाले श्रद्धालू को मंदिर प्रबंधन दर्शन की इजाजत नहीं देंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न शक्तिपीठों में हर साल श्रावण अष्टमी नवरात्र पर पड़ोसी राज्यों से सैंकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसे देखते हुए सरकार ने बंदिशें लगाने का निर्णय लिया है क्योंकि राज्य में 26 जुलाई को कोरोना के एक्टिव केस 858 थे जो अब बढ़कर 1700 से अधिक हो गए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने सभी डीसीएएसपी और मंदिर कमेटी को कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी है। मंदिरों में दर्शन के दौरान भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। मंदिरों में थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके बाद ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की इजाजत मिलेगी। राज्य सरकार ने सभी जिलाधीश को स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के मामले अधिक बढ़ने पर जिलाधीश अपने स्तर पर भी पाबंदियां लगा सकेंगे।
प्रदेश के प्रवेश द्वारों और अंतर जिला में चल रही चेक पोस्ट पर अनावश्यक भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 से 60 तक में किए गए प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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