नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) होंगे. एक लंबी खींचतान और तमाम बैठकों के बाद कांग्रेस (Congress) हाई कमान की तरफ से यह फैसला आया. चाहे सुक्खू के समर्थन में कितने ही विधायक (MLA) क्यों न हो कांग्रेस के पहले के फैसलों को देख लग रहा था सीएम पद की कुर्सी किसी और को मिलेगी, लेकिन अब शायद पार्टी ने ‘नई’ पॉलिटिक्स अपनाने का फैसला पक्का कर लिया है.
कांग्रेस ने हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के परिवार को नजरअंदाज करते हुए पार्टी के कद्दावर नेता के हाथ में कमान सौंपने का फैसला किया. इससे पहले भी कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान सौंपकर यह संदेश दिया था कि वह परिवारवाद से किनारा कर रही है.
हिमाचल में कांग्रेस के चुनाव जीतने के बाद से ही वीरभद्र की पत्नी और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह इस रेस में सबसे आगे नजर आ रही थीं, लेकिन कांग्रेस ने सभी के कयासों को गलत साबित करते हुए एक ‘कॉमनमैन’ के हाथों में कमान सौंपी, जोकी लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हैं और आम जनता में गहरी पकड़ रखते हैं.
कांग्रेस ने सुक्खू को क्यों सौंपी सीएम पद की कमान?
यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि कांग्रेस हर बार परिवारवाद का साथ देती नजर आई है, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के बाद पार्टी में सभी कुछ बदला बदला नजर आ रहा है. वहीं, अगर सुखविंदर सिंह सुक्खू पर दांव चलने की बात है तो कांग्रेस ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि सुक्खू की पकड़ जनता में काफी मजबूत है. उनकी छवि हमेशा से ही एक आम आदमी की तरह रही है. इसका एक बड़ा कारण यह भी था कि सुक्खू के पास पार्टी के 40 में से 25 विधायकों का समर्थन था.
बढ़ सकता था विधायकों को नाराज करने का जोखिम
कांग्रेस ने इस फैसले से न केवल परिवारवाद को कम किया बल्कि भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के विवाद को यहीं रोक दिया है. क्योंकि अगर 25 विधायकों का समर्थन मिलने के बाद भी प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो यह समर्थक आने वाले समय पर कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते थे. यह भी एक कारण है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रतिभा सिंह पर ही भारी पड़ गए.
हिमाचल के डिप्टी सीएम होंगे मुकेश अग्निहोत्री
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश के अगले उपमुख्यमंत्री होंगे. शिमला में हुए कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद हिमाचल के अगले सीएम के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगी. इसके साथ ही मुकेश अग्निहोत्री को राज्य का डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया गया.
मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर और तेज-तर्रार नेता माने जाते हैं. उन्हें इस बार मुख्यमंत्री का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था. मुकेश अग्निहोत्री पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते हैं. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षऔर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह कैंप के नेता माने जाते रहे हैं.
पिछली बार नेता प्रतिपक्ष थे मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के लिए जीत कर आए कुल 68 विधायकों में से 63 विधायक करोड़पति हैं. मुकेश अग्निहोत्री भी इसी श्रेणी में आते हैं. अग्निहोत्री पिछली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे. जनवरी 2018 में कई दिनों के खींचतान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के दखल के बाद उन्हें हिमाचल में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था.
नेता प्रतिपक्ष होने की वजह से भी उनका नाम लगातार मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थकों की ओर से चलाया जा रहा था. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर लगातार वे विधानसभा में बीजेपी सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेरते रहे थे. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मुकेश अग्निहोत्री ने हमेशा विधानसभा में जयराम सरकार पर लगातार हमले के जरिए कांग्रेस की आवाज को बुलंद किया. उपचुनाव में कांग्रेस को विधानसभा की 3 और लोकसभा की एक सीट पर जीत दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
प्रियंका गांधी ने भी की थी तारीफ
वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में वे राज्य में उद्योग, श्रम और रोजगार, संसदीय मामले के साथ ही सूचना और जनसंपर्क जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं. इस बार के चुनाव में वे पार्टी के स्टार प्रचारक भी थे. प्रचार के दौरान कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मुकेश अग्निहोत्री की तारीफ की थी. हरोली में रैली के दौरान प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के 5 साल के संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा थी कि मुकेश अग्निहोत्री की कड़ी मेहनत की वजह से ही हिमाचल में इस बार कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी और हुआ भी ऐसा ही.
लगातार 5वीं बार चुनाव जीतने में रहे सफल
इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने ऊना जिले की हरोली सीट पर लगातार पांचवी बार जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के रामकुमार को 9,148 वोटों के अंतर से हराया. मुकेश अग्निहोत्री ने राम कुमार को लगातार तीसरी बार हराया है. मुकेश अग्निहोत्री 20 साल पहले पत्रकारिता से राजनीति में आए थे. राजनीति में आने के बाद उन्होंने हिमाचल में अलग ही मुकाम हासिल किया. मुकेश अग्निहोत्री ने पहली बार 2003 में विधानसभा चुनाव लड़ा और पहली बार ही जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे. हर विधानसभा चुनाव में उन्हें हरोली की जनता का भरपूर प्यार मिला.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ब्राह्मण होना मुकेश अग्निहोत्री की राजनीतिक कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा था. शायद इसी वजह से उनके नाम की बजाय सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया है. इस बार हुए चुनाव में 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर बीजेपी के सत्ता वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved