शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सुक्खू सरकार (Sukhu government) को लेकर लगातार विवाद देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में अब अपनी इमेज सुधारने के लिए बड़ा काम करने जा रही है. सुक्खू कैबिनेट (Sukhu Cabinet) के मंत्रियों की इमेज बिल्डिंग और तारीफों के पुल बांधने के लिए सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर (Social Media Cordinator Jobs) की नियुक्ति करने जा रही है. इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. सरकार की तरफ से प्रति मंत्री को दो सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर रखने की मंजूरी दी गई है.
हिमाचल प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की तरफ से सीएम के सभी निजी सेक्रेटरी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि आउटसोर्स आधार पर ये सभी सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर रखने के लिए पहले ही सरकार की तरफ से मंजूरी दे दी गई थी. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पत्र में लिखा कि हर मंत्री के लिए दो सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर रखे जाएंगे. सूत्र बताते हैं कि इन्हें 30 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जाएगी.
हिमाचल सरकार के आदेशों की कॉपी.
पूर्व कांग्रेस नेता और धर्मशाला से मौजूदा भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने इस मामले पर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार जनता के पैसे पर एक और बोझ डाल रही है. नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए सुधीर ने कहा कि इनकी सैलरी और क्वालिफिकेशन कितनी रहगी. सुधीर ने कहा कि इस आदेश में यह नहीं बताया गया है कि हाईकोर्ट ने तो 3 दिंसबर तक ऑउससोर्ट भर्तियों पर रोक लगा रखी है.
सलाहाकारों की फौज
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने बड़ी संख्या में सलाहाकार रखे हैं. इसके अलावा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी मीडिया एडवायजर रखे गए हैं. इन सभी को लाखों रुपये सैलरी दी जा रही है. ऐसे में सरकार पर सवाल उठ रहे है कि गैरजरूरी नियुक्तियां की जा रही हैं. अहम बात है कि सरकारी नौकरियां देने के मामले में सुक्खू सरकार भी लगातार घिर रही है और ऑउटसोर्स पर नौकरियां देने पर भी सवाल उठते रहे हैं. इसके अलावा, आर्थिक संकट की वजह से भी गैरजरूरी नियुक्तियां करने पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा समय में सुक्खू कैबिनेट में 10 मंत्री हैं. एक कैबिनेट पोस्ट खाली है, जबकि कई विभागों की जिम्मेदारी सीएम के पास है.
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