नई दिल्ली। छोटा राज्य होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) भाजपा (BJP) के लिए बेहद अहम बना हुआ है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) अपना अधिकतर समय राज्य में दे रहे हैं। प्रचार अभियान को धार देने के लिए भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र (every assembly constituency) में बड़े नेताओं को पहुंचाने के लिए तीन दौर चलाएगी। राज्य में 12 नवंबर को एक ही चरण में सभी सीटों के लिए मतदान है।
नाम वापसी की अंतिम तिथि के बाद भाजपा का अब पूरा जोर चुनाव प्रचार पर रहेगा। पार्टी का चुनाव प्रचार तो शुरू हो ही चुका है, लेकिन उसके तमाम दिग्गज एक से 10 नवंबर के बीच हुंकार भरेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की पहली सभा पांच नवंबर को पहली सभा करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पहले ही अभियान शुरू कर चुके हैं। उनकी अगली सभा दो नवंबर को होगी।
पार्टी के चुनाव प्रबंधकों का कहना है कि अपने बड़े नेताओं को राज्य के सभी क्षेत्रों में भेजने के लिए दो-दो दिन के तीन दौर चलाएगी। इनमें उसके दो दर्जन प्रमुख नेता प्रचार करेंगे। इसमें सभी 68 सीटों को कवर किया जाएगा। चूंकि, अभी गुजरात के चुनाव घोषित नहीं हुए हैं, इसलिए सभी नेता हिमाचल प्रदेश में ही रहेंगे। हिमाचल का मतदान होने के बाद भाजपा नेता प्रचार के लिए गुजरात का रुख करेंगे। गुजरात के लिए अगले सप्ताह की शुरूआत में चुनावों की घोषणा होने की संभावना है।
आम आदमी पार्टी से लाभ की उम्मीद
भाजपा के प्रचार अभियान के केंद्र में डबल इंजन सरकार ही रहेगी और राज्य व केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर जोर रहेगा। सूत्रों का कहना है कि पार्टी कांग्रेस व आम आदमी पार्टी दोनों पर जमकर प्रहार करेगी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी अधिकांश वह वोट काटेगी जो भाजपा के खिलाफ कांग्रेस को जा सकने वाले होंगे। हालांकि, पार्टी कांग्रेस को कमजोर नहीं मान रही है।
बागियों को मनाने की कोशिश
राज्य में बागी उम्मीदवार भी भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। हालांकि, उन्हें समझाने का काम जारी है। बगावत से कांग्रेस भी जूझ रही है, लेकिन उसमें भाजपा की तुलना में कम है। भाजपा में टिकट कटने से ज्यादा नाराजगी टिकट न मिलने को लेकर है।
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