शिमला । हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश से राज्य की प्रमुख नदियां सतलुज और ब्यास उफान पर हैं। मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी व मध्यवर्ती क्षेत्रों में अगले तीन दिन भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है।
भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं से लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में वर्षा से 179 सड़कें सोमवार को अवरूद्व रहीं। अकेले मंडी जोन में 134 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा शिमला जोन में 21, हमीरपुर में 18 और कांगड़ा जोन में 6 सड़कों पर आवागमन ठप रहा। लोकनिर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के लिए 194 जेसीबी, 56 टिप्पर और 13 डोजर तैनात किए हैं।
विभाग ने दावा किया है कि अगर मौसम साफ रहा, तो 24 घंटों के भीतर 150 अवरूद्व सड़कें बहाल कर दी जाएंगीं। भूस्खलन से लोनिवि को 20665.48 लाख का नुकसान हो चुका है। सबसे अधिक 5372.32 लाख का नुकसान हमीरपुर जोन में हुआ है। शिमला जोन में 4911.14 लाख, कांगड़ा जोन में 4474.83 लाख और मंडी जोन में 4304.12 लाख का नुकसान हुआ है। इसके अलावा नेशनल हाईवे को 1603.07 लाख की क्षति पहुंची है।
मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह के अनुसार तक राज्य में भारी बारिश का दौर 20 अगस्त जारी रह सकता है। उन्होंने लाहौल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर अन्य 10 जिलों में इस दौरान व्यापक वर्षा की चेतावनी दी है।
बीते 24 घंटों के दौरान गग्गल में सर्वाधिक 127 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा नाहन में 83, नगरोटा सूरियां में 71, गुलेर में 62, जोगेंद्रनगर में 56, नैना देवी में 47, घुमरूर में 42, पांवटा साहिब में 39, नूरपुर में 35, धर्मशाला में 34, बंगाणा व पंडोह में 15, बैजनाथ व मैहरे में 14, रेणुका में 11 और मंडी, पालमपुर व छतराड़ी में 10 मिमी बारिश हुई है।
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