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    हिमाचल के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा, रोते-रोते किया ऐलान

  • February 28, 2024

    शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सर्दी के बीच सियासी पारा चरम पर है. वहीं, अब अपनी ही सरकार से कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी नाराज हैं और विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा (Resigns) दे दिया. बुधवार को शिमला (Shimla) में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी ही सरकार हमला बोला और पद से इस्तीफा का ऐलान कर दिया.

    इस दौरान विक्रमादित्य सिंह भावुक हो गए और रोते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी की मूर्ति लगाने के 2 गज जमीन मिली नहीं. विक्रमादित्य सिंह का मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि भविष्य पर फैसला अपने लोगों से बातचीत करके लिया जाएगा. बता दें कि 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह हैं.

    शिमला में मीडिया से बातचीत में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कह कि जो सरकार की कार्यप्रणाली रही है, सबके सामने है. अपनी नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा कि लगातार हाईकमान के सामने उठाया. मगर, कोई सरोकार नहीं हो पाया. जिस तरह से एक्शन लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया. इसी वजह अब जो हालत अभी बने हैं, उसके लिए जिम्मेदार है. मंत्री ने कहा कि यहां से आगे कैसे बढ़ेंगे, यह समय बताएगा. मैं पार्टी का अनुशासित मैंबर हूं. मगर, यह सत्य है कि प्रदेश में हमारे नौजवान साथी, जिन्होंने सरकार बनाने में अहम योगदान दिया. क्या हम उनकी अपेक्षाएं पूरी करने कामयाबी हुए हैं. हम प्रदेश के आधे इलाकों में गए हैं. हमें यूथ ने सपोर्ट किया. यूथ की समस्याओं को एड्रेस किया जाना चाहिए था. हमने जो वादे किए वो, समय पर पूरे होने चाहिए थे.


    विधायकों की आवाज़ को दबाने की कोशिश
    अहम बात यह है कि युवाओं को यह एहसास होना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है. जिस तरह से यह घटनाक्रम हुआ है. उससे मुझे काफी दुख हुआ है. मैंने हाईकमान का सम्मान किया है. मुझसे एक साल में जो हो सका, वो किया. पूरी मजबूती के साथ सरकार और सीएम का साथ दिया. जिस तरह की व्यस्था पिछले एक साल के अंदर सरकार के अंदर रही है, उसमे जो घटनाक्रम हुए हैं ,उसमे विधायकों के साथ कही न कही अनदेखी हुई है. विधायकों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की गयी है. आज वही उसका परिणाम है.

    मैं सीएम का सम्मान करता हूं-विक्रमादित्य सिंह
    मुझे डीमीन करने के प्रयास किए गए. मैं सीएम का सम्मान करता हूं. लेकिन मंत्रियों में कॉर्डिनेट होना चाहिए. हाल ही में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस भेजे गए हैं. यह जानबूझकर किया गया है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा है. मैं किसी दबाव में नहीं है. मुझे लक्ष्मण रेखा का पता है. मैं राजनीति में हूं. सही का समर्थन और गलत का विरोध करूंगा और इसी राह पर आगे चलूंगा. पिता वीरभद्र सिंह के पद चिन्हों पर ही चलूंगा. हमारी हस्ती मिटाने की अगर कोशिश होगी, तो यह सहन नहीं होगा.

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