नई दिल्ली। भारतीय महिला धावक हिमा दास ने एशियाई खेल 2018 में चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले स्पर्धा में जीता स्वर्ण पदक कोरोना योद्धाओं को समर्पित किया है, जो महामारी के बीच “निस्वार्थ भाव” से काम कर रहे हैं।
भारत की चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले टीम, जिसमें मोहम्मद अनस, एम आर पूवम्मा, हिमा दास और अरोकिया राजीव की चौकड़ी शामिल थी, का 2018 एशियाई खेलों का रजत पदक अब स्वर्ण पदक में बदल गया है क्योंकि बहरीन की विजेता टीम को उसके एक सदस्य के डोपिंग प्रतिबंधित होने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
बहरीन ने चार गुणा 400 मिश्रित रिले फाइनल में पहला स्थान हासिल किया था लेकिन उसकी सदस्य केमी एडेकोया को एथलेटिक्स इंटीग्रीटी यूनिट (एआईयू) ने डोप परीक्षण में विफल होने के बाद चार साल के लिये प्रतिबंधित कर दिया।
इसके अलावा एआईयू के एडेकोया के नतीजों को हटाने के बाद अनु राघवन का महिला 400 मीटर बाधा दौड़ स्पर्धा में चौथा स्थान भी अपग्रेड कर दिया जिससे उन्हें कांस्य पदक मिल गया। एडेकोया ने यह रेस जीती थी।
दास ने अपना स्वर्ण पदक पुलिस और डॉक्टरों को समर्पित किया जिन्होंने सभी की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया है।
दास ने ट्वीट किया,”मैं अपनी सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कोविड 19 के इन कठिन समय में निस्वार्थ रूप से काम कर रहे पुलिस, डॉक्टरों और अन्य सभी कोरोना योद्धाओं को एशियाई खेलों 2018 के 4×400 मिश्रित रिले इवेंट के अपने उन्नत स्वर्ण पदक को समर्पित करती हूं।”
उल्लेखनीय है कि एशियाई खेल 2018 में चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले स्पर्धा में भारतीय चौकड़ी ने 3:15:71 का समय निकाला था और वह बहरीन (3:11:89) से पीछे रही थी। (एजेंसी, हि.स.)
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