बेंगलुरु (Bengaluru)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि कर्नाटक सरकार ने पिछली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य पर लगाए गए हिजाब प्रतिबंध को वापस नहीं लिया है। सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध (ban on hijab) हटाने पर विचार ही कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी स्तर पर चर्चा के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।
सिद्धारमैया ने कहा, “हमने अभी तक हिजाब प्रतिबंध हटाने का फैसला नहीं किया है। किसी ने मुझसे इस मुद्दे पर सवाल पूछा था। मैंने जवाब दिया था कि सरकार इसे रद्द करने पर विचार कर रही है।
यह स्पष्टीकरण सीएम सिद्धारमैया के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक सिर पर स्कार्फ पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पोशाक और भोजन का चुनाव व्यक्तिगत है।
हिजाब पर घोषणा को लेकर कांग्रेस सरकार को विपक्षी भाजपा की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है। भगवा पार्टी ने कहा कि सरकार के इस कदम से शैक्षिक स्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने सिद्धारमैया पर शैक्षणिक माहौल को खराब करने का आरोप लगाया।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाते हुए विजयेंद्र ने दावा किया, “आजादी के इतने वर्षों के बाद भी अल्पसंख्यकों के बीच साक्षरता और रोजगार दर अभी भी 50 प्रतिशत है। कांग्रेस ने कभी भी अल्पसंख्यकों की स्थिति को ऊपर उठाने की कोशिश नहीं की।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस फूट डालो और राज करो की नीति में विश्वास करती है जिसे ब्रिटिश शासकों ने अपनाया था। यह ब्रिटिश विरासत को आगे बढ़ाने के समान है।”
आपको बता दें कि 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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