बेंगलुरु। कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों (Schools and Colleges) में हिजाब को लेकर छिड़े विवाद का आज खात्मा हो गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब (Hijab) पहनने पर रोक लगाने का फैसले को सही ठहराया है। इसके साथ ही हिजाब के खिलाफ दिए आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज (dismiss the petitions) कर दिया गया है। चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच इस पर फैसला सुनाया। फिलहाल राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में स्कूलों एवं कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया है।
इसके साथ ही बेंगलुरु सिटी, मैसूर जैसे शहरों में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं ताकि कोई उपद्रव न हो सके। बता दें कि हाई कोर्ट की बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद 25 फरवरी को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि छात्राओं ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन लगाने के सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था. इस पर 9 फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था. छात्राओं ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है।
हाईकोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए
हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्यभर में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. कोप्पल, गडग, कलबुर्गी, दावणगेरे, हासन , शिवामोगा, बेलगांव, चिक्कबल्लापुर, बेंगलुरु और धारवाड़ में धारा 144 लागू कर दी गई है. शिवामोगा में स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से पहले चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। चीफ जस्टिस के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही शहरों में सभी प्रकार के जुलूस और लोगों के जमावड़े पर भी रोक लगा दी गई थी। इधर, पूरे दक्षिण कर्नाटक में धारा 144 लगाकर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे।
कब हुई थी विवाद की शुरुआत ?
हिजाब को लेकर कर्नाटक में विवाद 1 जनवरी से शुरू हुआ था। उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लास रूम में बैठने से रोक दिया गया था। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पहनने की पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। जिसके बाद लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के आर्टिकल 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।
वायरल हुआ था नारेबाजी का वीडियो…
चार मार्च को मंगलुरु के दयानंद पई सतीश पई गवर्मेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज कॉलेज के गेट पर हुए विवाद का वीडियो काफी वायरल हुआ था। कॉलेज में प्रवेश करतीं हिबा शेख का रास्ता रोकते कुछ युवकों को देखा जा सकता है, इस दौरान हिबा के सामने युवक ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं, इसके जवाब हिबा भी ‘अल्लाह-हो-अकबर’ के नारे लगाती है। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन के कुछ लोग हिबा को लेकर कॉलेज के अंदर चले जाते हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों की प्रतिक्रिया भी आई थी।
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