बेंगलुरू। हिजाब को लेकर मचे विवाद (hijab controversy) के बीच कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Karnataka Minorities Welfare Department) ने स्कूलों के छात्र-छात्राएं (school students) कक्षाओं के अंदर हिजाब, भगवा गमछे, स्कार्फ और इसी तरह के धार्मिक झंडे, धार्मिक प्रतीक चिह्न वाले कपड़े पहन कर जाने पर रोक लगा दी है. विभाग ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है। हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के आधार पर सभी शिक्षण संस्थानों में हिजाब, बुर्का और भगवा गमछे पहनने पर पाबंदी लगी हुई है।
कर्नाटक अल्पसंख्यक विभाग के सर्कुलर में स्पष्ट कहा गया है कि हिजाब मामले में याचिकाओं के निपटान होने तक किसी भी शैक्षणिक संस्थान में हिजाब,बुर्का, भगवा गमछे आदि धार्मिक मान्यताओं वाले कपड़े पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इन्हें उतारने पर ही कक्षाओं में प्रवेश मिल सकेगा. यह आदेश सभी शिक्षण संस्थान पर लागू होंगे. यदि कॉलेज कमेटी की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड लागू है, तो भी उन्हें हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा।
राज्य सरकार का यह आदेश सभी शैक्षणिक संस्थानों से 200 मीटर की दूरी पर लागू होगा. इससे पहले 13 फरवरी को उडुपी जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाते हुए कहा था कि 19 फरवरी तक सभी क्षेत्रों में स्थित हाई स्कूल के आसपास यह नियम लागू रहेगा. कर्नाटक सरकार ने उन सभी स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोल दिया है जो हिजाब समर्थक और हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बाद बंद थे. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कर्नाटक के नौ जिलों में धारा-144 लागू की गई है. उच्च न्यायालय के प्रस्ताव के मुताबिक छात्र-छात्राएं बिना किसी धार्मिक परिधान के कक्षाओं में प्रवेश कर सकते हैं।
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