नई दिल्ली: सिर्फ भारत (India) में ही नहीं, हिजाब और बुर्के (Hijab and burqa) को लेकर दुनियाभर के कई देशों में बहस छिड़ी रहती है. कई देशों ने इस पर बैन लगा दिया है तो कई इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है. इसी बीच मध्य एशिया के मुस्लिम देश ताजिकिस्तान (Tajikistan, a Muslim country in Central Asia) ने बड़ा फैसला लिया है. देश की संसद ने हिजाब और बुर्का जैसे इस्लामिक पहनावे पर रोक लगाने के लिए कानून पारित कर दिया है. बिल पास होने के बाद ताजिकिस्तान की सरकार अब हिजाब और बुर्का बैन को लागू करने जा रही है. हालांकि, इससे पूरे देश में हड़कंप मच गया है.
कानून पारित होने से पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. सोवियत संघ से अलग हुआताजिकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है. इस देश की सीमा तालिबान शासित अफगानिस्तान से भी मिलती है. इन देशों के पड़ोसी होने के कारण, आशंका ये भी बनी हुई है कि कानून लागू होने के बाद विवाद बढ़ सकता है.
गौर करने वाली बात ये भी है अफगानिस्तान में बुर्का पहनना अनिवार्य है. ताजिकिस्तान की संसद ने 19 जून को ये विधेयक पारित किया था. इसमें ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा के दौरान बच्चों को विदेशी पहनावे पर रोक लगाने का प्रावधान है. दोनों ही सदनों से इस विधेयक को पारित कर दिया गया है. विधेयक में विदेशी परिधानों को पहनने पर रोक लगाने की सिफारिश कर दी थी.
विधेयक पर चर्चा के दौरान ताजिकिस्तान संसद ने कहा कि बुर्का जो महिलाओं के चेहरे को ढकता है वो ताजिक परंपरा और संस्कृति का हिस्सा नहीं है. इसी कारण ऐसे विदेश पहनावे को उनके देश में प्रतिबंध किया जाता है. राष्ट्रपति रुस्तम इमोमाली की अध्यक्षता में संसद के 18वें सत्र में कानून में ये बदलाव किया गया है.
नए नियमों का पालन न करने पर लोगों पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया गया है. इस विधेयक के मुताबिक व्यक्तियों पर 7,920 (61,623 भारतीय रुपये) सोमोनी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, कंपनियों पर 39,500 सोमोनी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. धार्मिक नेताओं ने हालांकि, इससे भी ज्यादा जुर्माना लगाने की बात कही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताजिकिस्तान में शादी और अंत्येष्टि भोज पर भी रोक लगी हुई है. यह अपने आप में एक अनोखा फैसला माना जाता है. इसके अलावा भी देश में विचित्र तरह की रोक-टोक है. ताजिकिस्तान में दाढ़ी रखने पर भी प्रतिबंध है, यानी की सभी पुरुषों को दाढ़ी कटवाना जरूरी है. यहां इस्लामिक किताबों को बेचने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है.
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